पनीर अब नहीं रहा शाही, दुग्ध संघ की आय बढ़ाई
हल्द्वानी। पनीर अब शादी विवाह या खास अवसरों पर परोसा जाने वाला भोज नहीं रहा। पनीर धीरे-धीरे हर खास-ओ-आम की थाली तक पहुंच गया है। यह हम नहीं बल्कि सात सालों में पनीर की डिमांड मेें 45 प्रतिशत इजाफे के आंकड़े कह रहे हैं। नैनीताल दुग्ध संघ के उत्पादों में पनीर का भी प्रमुख स्थान बन गया है। इससे संघ की आय में भी अच्छा इजाफा हुआ है।
शाही पनीर, मटर पनीर, कढ़ाही पनीर, चिली पनीर, पनीर लबाबदार आदि व्यंजन पनीर से बनाए जाते हैं। पनीर दावतों की शान तो है ही साथ ही आम घरों में भी इसका जमकर इस्तेमाल हो रहा है। इस वजह से पनीर की आपूर्ति में उछाल आ रहा है। नैनीताल जिले में इस समय प्रतिदिन औसतन 1332 किलो पनीर की आपूर्ति आंचल करता है। साल 2016-17 में आंचल जिले में प्रतिदिन औसतन 972 किलो पनीर की आपूर्ति करता था। दुग्ध संघ के अधिकारियों ने बताया कि शादियों के सीजन में पनीर की डिमांड बहुत बढ़ जाती है। पनीर ऐसा डेयरी उत्पाद है जिसे पूरे साल खाना सेहतमंद माना जाता है। आंचल के अलावा बाजार में अन्य ब्रांड के पनीर की बिक्री भी ठीक होती है। हालांकि लोगों की पहली पसंद आंचल ही है। साथ ही होली के दौरान भी पनीर की बिक्री में इजाफा होता है।
प्रोटीन से लेकर कैल्शियम का अच्छा स्रोत है पनीर
पनीर में मौजूद प्रोटीन की मात्रा शाकाहारियों के लिए बहुत अच्छी है। पनीर कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है। साथ ही पनीर में पोटैशियम भी पाया जाता है।
नैनीताल जिले में पनीर की प्रतिदिन औसत बिक्री
साल औसत प्रतिदिन बिक्री
2016-17 972 किलो
2017-18 1062 किलो
2018-19 1081 किलो
2019-20 1186 किलो
2020-21 1048 किलो
2021-22 1088 किलो
2022-23 1332 किलो
पनीर आंचल का प्रमुख उत्पाद है। दूध की तरह ही पनीर की भी अच्छी डिमांड रहती है। होली के दौरान भी पनीर की अच्छी बिक्री का अनुमान है।-मुकेश बोहरा, अध्यक्ष, नैनीताल दुग्ध संघ