लक्ष्य और सिंधू से 22 साल का सूखा खत्म करने की उम्मीद, सात्विक-चिराग कर सकते हैं कमाल
ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन का अंतिम बार खिताब पुलेला गोपीचंद ने 2001 में जीता था। तब से कोई भी भारतीय शटलर इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को नहीं जीत पाया है। हालांकि पिछली बार लक्ष्य सेन ने और 2015 में साइना नेहवाल ने यहां फाइनल में जरूर पहुंचे, लेकिन अंतिम बाधा पार नहीं कर सके। मंगलवार से शुरू हो रहे इस टूर्नामेंट में खिताब का सूखा खत्म करने की जिम्मेदारी लक्ष्य सेन, पीवी सिंधू और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी की जोड़ी पर है, लेकिन लक्ष्य और सिंधू को पहले दौर से ही कड़े प्रतिद्वंद्वियों का सामना करना होगा।
सिंधू को मुश्किल ड्रॉ
पीवी सिंधू के नाम दो ओलंपिक पदक और विश्व चैंपियनशिप का खिताब है, लेकिन इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल से वह आगे नहीं बढ़ पाई हैं। सिंधू ने यहीं अगस्त माह में राष्ट्रमंडल खेलों का खिताब जीता था। यहीं उनकी चोट भी गहराई। बाद में उन्हें अपने टखने का ऑपरेशन भी कराना पड़ा। ऑपरेशन के बाद सिंधू लय में नहीं दिखी हैं। मलयेशिया और इंडिया ओपन के पहले ही दौर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यहां पहले दौर में उनके सामने चीन की झांग यी मान होंगी। जिनके सामने उनका रिकॉर्ड 1-1 का है। दूसरे दौर में उनके सामने चीन की ही हे बिंग जियाओ और क्वार्टर फाइनल में चीनी ताईपे की ताई जू यिंग से भिड़ंत संभावित है।