यातायात पुलिस ने 15 दिन के अभियान में निजी वाहनों पर नाम पट्टिका लगाकर चलने वालों से 9.41 लाख रुपये वसूले हैं। नाम पट्टिका लगाकर भौकाल दिखाने वाले सबसे ज्यादा लोग नैनीताल में मिले। जबकि, दूसरे नंबर पर राजधानी देहरादून आया। इन जिलों में क्रमश: 458 और 401 लोगों के चालान काटे गए। जबकि, चंपावत में केवल एक ही व्यक्ति ऐसा मिला जिसने अपने वाहन पर नाम पट्टिका लगाई हुई थी।
यातायात निदेशक मुख्तार मोहसिन ने बताया कि निजी वाहनों पर किसी भी पद नाम, विभाग में कार्यरत होने संबंधी पट्टिका लगाना अवैध है। इस तरह की पट्टिकाएं लगाकर लोग अक्सर सड़कों पर रौब गालिब करते हैं। विभिन्न आपराधिक मामलों में भी इस तरह के लोगों की संलिप्तता सामने आई है। ऐसे में प्रदेशभर में 15 दिन का अभियान चलाया गया था। इसमें कुल 9.41 लाख रुपये 1969 लोगों से वसूले गए हैं।
यह रही 15 दिन की कार्रवाई
उत्तरकाशी-19- 9500
टिहरी गढ़वाल-98-49000
चमोली-27-13500
रुद्रप्रयाग-137-68500
पौड़ी गढ़वाल-172-85000
देहरादून 401-186000
हरिद्वार-199-92000
नैनीताल-458-211300
ऊधमसिंहनगर-366-180500
अल्मोड़ा-46-23000
पिथौरागढ़-43-21500
चंपावत-1-500
बागेश्वर-2-1000