वीर नारियों व वीरता पुरस्कार पाने वाले सैनिकों का सम्मान, बसों में कर सकेंगे मुफ्त में यात्रा
देहरादून: उत्तराखंड की 1130 वीर नारियां और वीरता पुरस्कार पाने वाले 1727 सैनिक एवं पूर्व सैनिक अब परिवहन निगम की बसों में मुफ्त सफर कर सकेंगे। इस पर जो भी खर्च आएगा, उसका भुगतान सैनिक कल्याण विभाग की ओर से परिवहन निगम को किया जाएगा।
राज्य सरकार ने इस मद में दस लाख रुपये के बजट का प्रविधान किया है। इसके अलावा खटीमा में सीएसडी कैंटीन निर्माण की भी राह खुल गई है। इसके लिए भी एक करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।
पिथौरागढ़ में सबसे अधिक वीर नारियां
प्रदेश में सबसे अधिक 203 वीर नारियां पिथौरागढ़ जिले में हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा में 82, बागेश्वर में 97, चंपावत में 32, चमोली में 115, देहरादून में 143, हरिद्वार में 13, लैंसडाउन में 150, नैनीताल में 69, पौड़ी में 70, रुद्रप्रयाग में 43, टिहरी में 63, ऊधमसिंह नगर में 40, उत्तरकाशी में 10 वीर नारियां हैं।
कर सकेंगे निशुल्क यात्रा
राज्य में 1727 सैनिकों और पूर्व सैनिकों को महावीर चक्र, वीर चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र, सेना मेडल आदि विभिन्न वीरता पुरस्कार मिले हैं। कुछ दिन पहले ही शासन ने इनके निशुल्क यात्रा के संबंध में आदेश जारी किया था। अब बजट में भी इस बाबत व्यवस्था कर दी गई है।
- शौर्य स्थल (सैन्य धाम) निर्माण के लिए 20 करोड़
- सैनिक विश्राम गृहों के निर्माण के लिए दो करोड़
- शहीद द्वार/स्मारकों के निर्माण के लिए एक करोड़
- उत्तराखंड निवासी द्वितीय विश्व युद्ध के भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रित विधवाओं की पेंशन के लिए 7.38 करोड़
- बार टू सेना मेडल के पुरस्कार प्राप्त राज्य के सैनिकों को एकमुश्त अनुदान/एन्युटी के लिए 5.50 करोड़
- उत्तराखंड शहीद कोष के लिए डेढ़ करोड़
- सैनिक विश्राम गृहों की साज-सज्जा के लिए 50 लाख