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आढ़त बाजार शिफ्ट करने पर व्यापारी सहमत, अब जिलाधिकारी की बैठक के बाद होगा अंतिम निर्णय

देहरादून :  शहर में यातायात सुधार की कसरत में सबसे बड़ी बाधा बने आढ़त बाजार को शिफ्ट करने को लेकर पिछले 15 दिनों से जिला प्रशासन और व्यापारियों के बीच चल रही रस्साकशी शुक्रवार को कुछ हद तक सुलझ गई।

बाजार शिफ्ट करने के मामले में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी और व्यापारियों के बीच वार्ता सकारात्मक रही।

व्यापारियों की समस्त मांगों पर एमडीडीए अधिकारियों ने सैद्धांतिक सहमति दी, तो व्यापारियों ने भी आढ़त बाजार शिफ्ट करने पर सहमति दे दी। अब सोमवार को व्यापारी इस मामले में जिलाधिकारी सोनिका के साथ बैठक करेंगे। माना जा रहा कि इस बैठक के बाद बाजार शिफ्ट करने को लेकर अंतिम निर्णय हो सकता है।

शुक्रवार को एमडीडीए कार्यालय में उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के साथ चली करीब डेढ़ घंटे की बैठक में होलसेल डीलर एसोसिएशन आढ़त बाजार देहरादून के महासचिव विनोद गोयल ने व्यापारियों की प्रमुख मांगों पर उचित समाधान की मांग की।

एमडीडीए उपाध्यक्ष ने व्यापारियों की सभी मांगों पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि शीघ्र ही पटेलनगर थाना के पीछे की भूमि पर आढ़त बाजार शिफ्ट करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को सोमवार को बाजार के पदाधिकारियों के साथ भूमि का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया।

व्यापारी नेता विनोद गोयल ने बताया कि एमडीडीए उपाध्यक्ष से वार्ता के बाद व्यापारियों की शंका का काफी हद तक समाधान हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शिफ्टिंग का कार्य व्यापारियों से समन्वय बनाकर किया जाएगा। बैठक में होलसेल डीलर एसोसिएशन आढ़त बाजार के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गोयल, उपाध्यक्ष शेखर भाटिया, कोषाध्यक्ष अजय गुप्ता, जगदीश प्रसाद, मनोज गोयल, संदीप गोयल, संजीव गुप्ता, अभिषेक गुप्ता आदि मौजूद रहे।

व्यापारियों की प्रमुख मांगें

  • आढ़त बाजार व्यापार संघ के पदाधिकारियों को नई जमीन के संदर्भ में पूर्ण सूचना उपलब्ध कराई जाए।
  • देहरादून का खाद्यान्न से संबंधित थोक व्यापार एक ही स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
  • व्यापारियों को उनकी जरूरत के हिसाब से विभिन्न श्रेणियां बनाकर भूमि उपलब्ध कराई जाए।
  • आढ़त बाजार को नए स्थल पर पूरी तरह शिफ्ट करने के बाद ही आढ़त बाजार क्षेत्र का चौड़ीकरण हो।
  • प्रस्तावित भूमि का व्यापारियों को लागत मूल्य भी बताया जाए, जिससे व्यापारी भूमि की रजिस्ट्री के लिए ऋण की व्यवस्था कर सकें

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