पिथौरागढ़ जिले को चाय उत्पादन में मिलेगी विशेष पहचान
पिथौरागढ़। जिले को चाय के उत्पादन में विशेष पहचान दिलाने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चाय बागान विकसित किए जाएंगे। टी-बोर्ड ने जिले के 26 गांवों में 103 हेक्टेयर पर बगान विकसित करने की योजना बनाकर कार्य शुरू कर दिया है।
पिथौरागढ़ टी-बोर्ड के केशर गंगोला ने बताया कि मुनस्यारी के नानासेम, पापड़ी, जैंती और नमजला में 18 हेक्टेयर भूमि पर चाय के बगान विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा कनालीछीना विकासखंड के डुंगरी गांव में पांच हेक्टेयर भूमि, डीडीहाट विकासखंड के भैस्यूड़ी, पिलारी, खोलीमाली, ससखेत, भड़गांव, ढोकली, छलोड़ी, मड़, भनड़ा, खीरी और ननपांपू में 50 हेक्टेयर भूमि पर चाय के बगान विकसित करेगा।
बेड़ीनाग विकासखंड के सकनोरा, नागिला गांव, पांपी, कोटगाड़ी, वड्यूड़ा, द्वाली, खरचूड़ी, सगौड़, डोबगाड़ा और अराड़ी गांव में करीब 30 हेक्टेयर भूमि पर बगान विकसित किए जाएंगे। टी-बोर्ड ने कई जगह चायपत्ती के पौधे लगाने एवं देखरेख का काम शुरू कर दिया है। इस काम में 300 लोगों को रोजगार भी दिया जा रहा है।
बेड़ीनाग की चाय है प्रसिद्ध
पिथौरागढ़। अंग्रेजों के शासनकाल से बेड़ीनाग की चाय प्रसिद्ध है। बेड़ीनाग की चाय देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही विदेशों में भी भेेजा जाता है। यहां विनोद कार्की सहित कई अन्य लोग चाय का उत्पादन कर रहे हैं