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अनुबंध पर चलाई जाएंगी इलेक्ट्रिक बसें

उत्तराखंड परिवहन निगम में इलेक्ट्रिक बसों को अनुबंध पर लिए जाने की योजना है। इसके लिए निविदा जारी कर दी गयी है। परिवहन निगम के नैनीताल मंडल के हल्द्वानी डिपो के लिए 25 बसों का अनुबंध किया जाएगा। पहले भी ये कोशिश की गयी थी जो सफल नहीं हो पायी।
इलेक्ट्रिक बसों का पूर्व में भी प्रशिक्षण किया जा चुका है। साल 2018 के दिसंबर और साल 2019 के जनवरी में दो माह तक हल्द्वानी से नैनीताल के लिए इलेक्ट्रिक बस चलायी गयी थी। पूरा प्रशिक्षण सत्र दो माह का रखा गया था। तब अनुमान लगाया गया था कि हल्द्वानी डिपो से इलेक्ट्रिक बसों का संचालन जल्द शुरू हो जाएगा। परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार प्रशिक्षण पूरी तरह से सफल रहा था। बाद में बसों को अनुबंध पर चलाने के लिए टेंडर भी किए गए थे। हालांकि परिवहन निगम की ओर से जो रेट दिया गया था वह बहुत ज्यादा था। जिस वजह से बसों का अनुबंध नहीं हो पाया। बाद में कोरोना के दो साल आने के बाद ये योजना पूरी तरह से नजर अंदाज कर दी गयी।

अब फिर से परिवहन निगम ने इलेक्ट्रिक बसों को अनुबंध के आधार पर चलाने की तैयारी की है। हल्द्वानी डिपो के लिए कुल 25 बसें मांगी गई हैं। इनमें हल्द्वानी से नैनीताल के लिए 15 बसें और हल्द्वानी से दिल्ली के लिए 10 बसें चलाए जाने की योजना है। इलेक्ट्रिक बसों के अनुबंध की अवधि आठ साल होगी, इसे दो साल और बढ़ाया जा सकता है। बस संचालन के लिए यात्रीकर, परमिट फीस, टोल आदि का भुगतान निगम की ओर से किया जाएगा। साथ ही रोड टैक्स, फिटनेस फीस, बीमा आदि की भुगतान फर्म करेगा।
मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र के लिए बैट्री क्षमता अलग
हल्द्वानी। अनुबंध की शर्तों के आधार पर मैदानी मार्ग के लिए बस में बैट्री चार्जिंग क्षमता एक बार में न्यूनतम 350 किमी होनी चाहिए। और पर्वतीय मार्ग के लिए 250 किमी की क्षमता हो। मैदानी मार्गों की इलेक्ट्रिक बसों में सीटों की क्षमता 42 और पर्वतीय मार्गों के लिए 35 है।

इलेक्ट्रिक बसों को अनुबंध के आधार पर चलाया जाएगा। पहले भी अनुबंध की कोशिश की गयी थी हालांकि वह सफल नहीं हो पाया था। -दीपक जैन, महाप्रबंधक (संचालन), उत्तराखंड परिवहन निगम

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