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मजदूरों का भविष्य निधि में नहीं कराया पंजीकरण, चार खड़िया खदानों को श्रम मंत्रालय का नोटिस

बागेश्वर: खड़िया खदान क्षेत्रों में कार्यरत मजदूरों की भविष्य निधि में पंजीकरण नहीं हुआ हे। जिस पर श्रम मंत्रालय की नजर है। चार खड़िया खदानों को नोटिस भी जारी किए गए हैं। जिससे खनन कार्य करने वालों में हड़कंप मच गया है।

सोमवार को नगर पालिका परिसर पर आयोजित शिविर में पवर्तन अधिकारी अमित सिंह ने कहा कि श्रम मंत्रालय के गैजेट नोटिफिकेशन एसओ 1955 और 21 जून 1975 के तहत सभी खड़िया खदानों का पंजीकरण कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 में होना अनिवार्य है।

अधिनियम में मैग्नेसाइट माइंस का पंजीकरण भी अगस्त 1965 से अनिवार्य है। भविष्य निधि अधिनियम 1952 का उद्देश्य उद्याेग में लगे नियमित और ठेका कर्मियों को अनिवार्य रूप से भविष्य निधि पेंशन और बीमा प्रदान करना है।

उन्होंने कहा कि जिले में चल रहे खड़िया खदानों में भविष्य निधि अधिनियम के तहत पंजीकरण नहीं कराया है। कर्मचारी को सामाजिक सुरक्षा से वंचित रखा जा रहा है। ध्यान रहे कि भविष्य निधि नेपाली नागरिकों को भी सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है।

क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त आदित्य शाह ने जिला अधिकारी और खनन विभाग को पत्राचार किया है। माइंस की संपूर्ण जानकारी मांगी है। भविष्य निधि कार्यालय ने कुछ माइंस को अनुपालना करने के लिए नोटिस भी दिए हैं। पीएफ रजिस्ट्रेशन ईपीएफओ के यूनिफाइड पोर्टल में करा सकते हैं।

मासिक चालान भी आनलाइन जमा करना होता है। क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय हल्द्वानी प्रतिमाह 27 तारीख को शिविर लगा रहे हैं। जिसमें कर्मचारियों की समस्याएं सुनी जाती हैं और सुझाव भी रख सकते हैं। इस दौरान एसएसए प्रदीप बिष्ट, उपनल, नगर पालिका संविदा कर्मी आदि उपस्थित थे

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