दोबारा होगा झिमार-भीताकोट सड़क पर डामरीकरण
मौलेखाल (अल्मोड़ा)। सल्ट विकासखंड के झिमार-भीताकोट सड़क का डामरीकरण दोबारा होगा। ग्रामीणों ने सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए सीएम पोर्टल पर शिकायत की थी। लोगों की शिकायत पर लोगों ने अब दोबारा डामरीकरण कराने का निर्णय लिया है। यह सड़क आठ से अधिक गांवों की चार हजार की आबादी को जोड़ती है।
सल्ट विकासखंड के झिमार, मसनियाबांज, डांडा गांव, भीताकोट, गुलार सहित आठ से अधिक गांवों को जोड़ने के लिए वर्ष 2020 में 15 किमी सड़क का निर्माण हुआ लेकिन डामरीकरण नहीं किया गया। क्षेत्रवासियों की डामरीकरण की मांग पर हाल में डामरीकरण किया गया। कुछ ही दिनों में छह किमी दायरे में डामर पूरी तरह उखड़ गया।
पैरापिट और नालियों की गुणवत्ता भी ठीक न होने से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। ग्रामीणों की शिकायत पर भी विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने सीएम पोर्टल में शिकायत कर दी। इसके बाद हरकत में आया विभाग दोबारा डामरीकरण करने जा रहा है। विभाग क्षतिग्रस्त पैरापिट और नालियों का निर्माण भी दोबारा करेगा।
50 पैरापिट तोड़े
मौलेखाल (अल्मोड़ा)। विभागीय अधिकारी जब निरीक्षण के लिए पहुंचे तो वहां 80 से अधिक पैरापिट गुणवत्ता के अनुरूप नहीं मिले। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने पैरापिट निर्माण में रेत की जगह मिट्टी लगाने का आरोप लगाया। मामले की गंभीरता को समझते हुए विभागीय अधिकारियों ने मौके पर ही 50 पैरापिट तोड़े। इनका दोबारा निर्माण किया जाएगा। संवाद
यह कहते हैं लोग
सालों बाद सड़क पर डामरीकरण हुआ लेकिन गुणवत्ता सही न होने पर डामर उखड़ गया। यह सरकारी धन का दुरुपयोग है। मामले में कार्रवाई होनी चाहिए। – पूरन सिंह, डांडा गांव।
यह सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। कुछ दिन पूर्व किया गया डामर उखड़ गया है। मामले में लीपापोती करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। – रमेश कुमार, भीताकोट।
पैरापिट और नाली निर्माण में रेत की जगह मिट्टी का प्रयोग किया गया है। यदि हम सीएम पोर्टल पर शिकायत नहीं करते तो अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते। – माधो सिंह, प्रधान, गुलार।
सड़क में लीपापोती गंभीर है। डामर उखड़ने लगा है। इसमें दोबारा डामर होना चाहिए, ताकि हमें सड़क का लाभ मिल सके। -धन सिंह, गुलार।
सड़क की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। जहां डामर उखड़ा है वहां दोबारा डामरीकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। पैरापिट और नाली का भी दोबारा निर्माण होगा। – आलोक कुमार, एई, एनपीसीसी, अल्मोड़ा।