चारधाम यात्रा मार्गों पर पुख्ता होगी स्वास्थ्य व्यवस्था, केंद्रीय मंत्री ने कहा- हर संभव मदद करेंगे
देहरादून: चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इस बार पुख्ता व्यवस्था तैयार की जा रही है। उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य सरकार को चारधाम यात्रा में हर संभव मदद करेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय का पूरा प्रयास रहेगा कि चारधाम यात्रा पर आए किसी भी श्रद्धालु को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या न हो।
उन्होंने कहा कि यात्रा ड्यूटी में तैनात चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मियों को प्रोत्साहन भत्ता देने की भी योजना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चारधाम यात्रा के लिए स्वास्थ्य सहायता और आपातकालीन प्रबंधन के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार कर रही है। भरोसा दिया कि चारधाम यात्रा मार्ग पर किसी भी गंभीर बीमारी से पीडि़त श्रद्धालु को तुरंत ही स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
बता दें, उत्तराखंड में केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊंचाई वाले इलाकों में आक्सीजन की कमी की वजह से विशेषकर दिल, सांस और बुजुगों की परेशानी भी बढ़ जाती है।
जन औषधि केंद्रों पर बेहद सस्ती मिल रही दवाएं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दून में कैनाल रोड स्थित जनऔषधि केंद्र का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों व जन औषधि केंद्र से लाभान्वित लोग से बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि दवा के अभाव में किसी की मृत्यु न हो, इस उद्देश्य से जन औषधि केंद्र खोले गए हैैं। कहा कि जन औषधि केंद्रों पर लोग को दवा बेहद सस्ती मिल रही है और इसे लेकर उनका भरोसा भी बढ़ा है। सस्ती दवा से लोग की जरूरत के साथ उनकी आर्थिक बचत भी हो रही है।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार, अपर सचिव अमनदीप कौर, स्वास्थ्य महानिदेशक डा. विनीता शाह, औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजय जैन आदि उपस्थित रहे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि एक जिले में एक से अधिक मेडिकल कालेज खोलने पर रोक नहीं है। लेकिन इसके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गत नौ साल में मेडिकल कालेजों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी कर दी है। एमबीबीएस और पीजी की सीटें भी दोगुनी हो गई हैं।
दरअसल, कोटद्वार में मेडिकल कालेज के निर्माण को लेकर बड़ा सियासी ड्रामा हुआ था। पूर्व मंत्री डा. हरक सिंह रावत कैबिनेट बैठक छोड़ 24 घंटे तक कोपभवन में रहे। तब कहा गया कि एक जिले में दो सरकारी मेडिकल कालेज नहीं हो सकते हैं। यहां साफ कर दें कि यह नियम सिर्फ केंद्र की सहायता से खोले जाने वाले मेडिकल कालेजों के लिए है। राज्य सरकार अपने स्तर पर या पीपीपी माडल आदि के माध्यम से भी मेडिकल कालेज स्थापित कर सकती है।
नकली और खराब दवा बनाने वाले बख्शे नहीं जाएंगे
नकली और खराब दवा बनाने वाली फार्मा कंपनियों पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। केंद्र सरकार ने 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद कर दिए हैं। जबकि 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चिकित्सा सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है। इसलिए नकली दवा बनाने वाली किसी भी कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा। कहा कि देशभर में डीजीसीआइ के स्तर से निरीक्षण किया जा रहा है। ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है