नेशनल हेल्थ मिशन:जयपुर में ‘सिकल सेल एनीमिया’ की स्क्रीनिंग, मरीज चिह्नित कर इलाज करेंगे
जयपुर नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से उदयपुर के बाद अब जयपुर में भी सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग होगी। बीमारी से प्रभावित बच्चों की जयपुर समेत आदिवासी क्षेत्रों की स्क्रीनिंग कर इलाज किया जाएगा। स्क्रीनिंग करने के बाद आंकड़ों के आधार पर एसएमएस जयपुर, जेएलएन अजमेर, जोधपुर, आरएनटी उदयपुर, बीकानेर और कोटा मेडिकल कॉलेज के डे-केयर सेंटरों पर इलाज किया जाएगा।
मिशन निदेशक (नेशनल हेल्थ मिशन) सुधीर कुमार शर्मा के अनुसार स्क्रीनिंग के जरिए बीमारी से पीड़ित मरीजों का पता चल सकेगा। इसके आधार पर ही पॉलिसी बनाकर इलाज करना आसान होगा। मौजूदा स्थिति में उदयपुर में लाइलाज बीमारी की स्क्रीनिंग के साथ ही इलाज किया जा रहा है और सिकल सेल एनीमिया के इलाज का बड़ा सेन्टर बन गया है।
क्या है सिकल सेल एनीमिया
डॉक्टरों के अनुसार यह लाल रुधिर कोशिका या आरबीसी विकार के कारण होता है, इसमें असामान्य हीमोग्लोबिन टर्म सिकल हीमोग्लोबिन या हीमोग्लोबिन एस आरबीसी में उपस्थित होता है। यह बीमारी जन्म से ही होती है, लेकिन बीमार होने के बाद 5 से 6 माह का समय लग सकता है। सिकल सेल विशेषता या ट्रेट एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को अपने माता-पिता में से किसी एक से पैतृक रूप से यह सिकल सेल जीन प्राप्त होता है, लेकिन बीमारी नहीं मिलती। शरीर में दर्द, बैक्टीरियल संक्रमण, हाथ-पैर में सूजन, एनीमिया और आंखों को नुकसान हो सकता है।