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नई एमएसएमई नीति से डेढ़ करोड़ तक मिल सकता है अनुदान

रुद्रपुर। राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2015 में बनाई गई सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) नीति को 31 मार्च को खत्म कर दिया गया है। सरकार ने एमएसएमई नीति 2023 का ड्राफ्ट तैयार कर उद्यमियों से सुझाव मांगे हैं।

एमएसएमई 2015 नीति में इकाई के पूंजी निवेश का 15 प्रतिशत अधिकतम 15 लाख रुपये तक अनुदान मिलता था। वहीं, एमएसएमई नीति 2023 के ड्राफ्ट के अनुसार एक करोड़ की सूक्ष्म इकाई स्थापना के लिए 20 प्रतिशत यानी 20 लाख अनुदान, लघु इकाई में पांच करोड़ तक 60 लाख का अनुदान वहीं पांच से 10 करोड़ तक के निवेश पर 90 लाख रुपये तक का अनुदान, मध्यम इकाई में 10 से 50 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 1.5 करोड़ रुपये तक का अनुदान मिल सकता है।

नीति में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम के मायने बदल दिए गए हैं। 2023 की नीति में एक करोड़ रुपये तक के निवेश में सूक्ष्म उद्यम को रखा गया है, जबकि पहले सूक्ष्म उद्यम सिर्फ 25 लाख रुपये निवेश तक ही सीमित था। लघु उद्यम को 10 करोड़ रुपये तक के निवेश में 50 करोड़ रुपये तक के कारोबार को रखा गया है। जबकि वर्ष 2015 की नीति में सिर्फ पांच करोड़ रुपये तक के निवेश को लघु उद्यम कहा गया। वहीं मध्यम उद्यम को 50 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 250 करोड़ रुपये के कारोबार तक रखा गया है। जबकि वर्ष 2015 की नीति के हिसाब से पहले मध्यम उद्यम 10 करोड़ रुपये तक के निवेश को ही माना जाता था।

उद्यमियों को तीन दिन के भीतर सुझाव देने के निर्देश
रुद्रपुर। राज्य में प्रस्तावित एमएसएमई नीति 2023 के संबंध में बुधवार को डीएम युगल किशोर पंत ने उद्योगपतियों के साथ एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में बैठक की। बैठक में उद्यमियों ने कहा कि नीति को ऐसा बनाया जाए जो उद्यमियों को राज्य में निवेश के लिए आकर्षित करे। उद्यमियों ने पड़ोसी राज्य यूपी की नीति का अध्ययन करने, सब्सिडी स्लैब व्यावहारिक बनाने सहित विभिन्न सुझाव दिए। डीएम ने उद्यमियों को तीन दिन के भीतर सुझाव देने के निर्देश दिए। बैठक में सीडीओ विशाल मिश्रा, ओसी कलक्ट्रेट मनीष बिष्ट, जीएम डीआईसी विपिन कुमार, उद्यमी गौरव, संजय कुमार, राजेश मिश्रा, मोहित देव, सतपाल सिंह आदि थे।

पूर्व एमएसएमई नीति के तहत जिले में लग चुके हैं 9466 उद्योग
रुद्रपुर। जिला उद्योग केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व एमएसएमई नीति के तहत जिले में अब तक 9466 उद्योग लग चुके हैं। इसमें 72 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है। महाप्रबंधक उद्योग विपिन कुमार ने बताया कि नई एमएसएमई नीति 2023 लागू होने के बाद भी जिले में कई और उद्योग स्थापित किए जाएंगे

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