पहले दिन सुनी गईं 80 आपत्तियां
रुद्रपुर। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग की ओर से तैयार रुद्रपुर महायोजना 2041 को लेकर दर्ज की गई आपत्तियों की सुनवाई शुरू हो गई है। शासन की ओर से गठित कमेटी ने पहले दिन 80 आपत्तियों को सुना। लोगों ने पब्लिक सेमी पब्लिक भू उपयोग दर्शाई गई निजी भूमियों को आवासीय करने, निजी भूखंडों के भू उपयोग को औद्योगिक से आवासीय करने की मांग की।
बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में डीडीए उपाध्यक्ष और शासन की ओर से चयनित कमेटी के अध्यक्ष हरीश कांडपाल की मौजूदगी में आपत्तियों की सुनवाई की गई। व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने काशीपुर बाइपास की चौड़ाई में एक तरफ दस फुट की बढ़ाने की मांग की। कहा कि महायोजना के ड्राफ्ट में सड़क को एक तरफ 75 फुट दर्शाया गया है, जो न्याय संगत नहीं है।
पार्षद निमित शर्मा ने जगतपुरा में आवास विकास चौकी से अटरिया पुल तक दर्शाए गए ग्रीन बेल्ट को संशोधित कर आवासीय श्रेणी करने की मांग की। कहा कि यहां लंबे समय लोग रहे हैं। 2031 तक की महायोजना में इस जगह को कार्यालय उपयोग की श्रेणी में रखा गया था। राजेंद्र पाल ने शिमला पिस्तौर में आवासीय जोन में शामिल जगह को औद्योगिक श्रेणी में रखने पर आपत्ति जताते हुए पूर्व ही तरह आवासीय जोन में रखने की मांग की।
व्यापारी राजेश बंसल ने नेशनल हाइवे किनारे रुद्रपुर गांव को औद्योगिक की बजाए व्यवसायिक श्रेणी में रखने की मांग की। इसके अलावा कईं दूसरे लोगों ने आपत्तियां रखीं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष कांडपाल ने बताया कि रुद्रपुर महायोजना में 140 आपत्तियां दर्ज हुई थी और इनमें 80 आपत्तियां सुनी गईं। जो आपत्ति बची हैं, उनकी सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी। इसके बाद जिन आपत्तियों में जरूरी होगा, उसका मुआयना किया जाएगा। इसके बाद कमेटी बैठक कर जरूरी बदलाव के लिए रिपोर्ट नगर नियोजन विभाग को भेजेगी। काशीपुर की आपत्तियों के सुनवाई के लिए तारीख जल्द तय की जाएगी। वहां पर चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव, प्राधिकरण सचिव एनएस नबियाल, लोनिवि के ईई विनोद डोबरियाल आदि थे