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चंपावत में 242 हेक्टेयर खेत को मिलेगा पानी

चंपावत। चंपावत जिले में 242 हेक्टेयर खेत को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। सिंचाई, लघु सिंचाई और नलकूप खंड से निर्मित होने वाली गूल और नहर के जरिए ये सिंचाई होगी। दो साल में पूरे होने वाले इस काम के लिए जिला योजना में 555.30 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। इस स्वीकृत राशि में से 235.75 लाख रुपये वर्तमान वित्त वर्ष में मिलेंगे।

चंपावत जिले में अगले दो वर्षों में 242 हेक्टेयर खेत सिंचित होंगे। ये मुख्य रूप से ऐसे इलाके हैं जहां धान या अधिक पानी की जरूरत वाली खेती होती है। मैदान में नहर और पहाड़ी क्षेत्रों में गूल का निर्माण किया जाएगा। सिंचाई की सुविधा के विस्तार से खेती वाली जमीन का रकवा बढ़ने के साथ कृषि उपज बढ़ेगी नलकूप खंड इन जगह बनाएगा सिंचाई योजना:
चौड़ी लिफ्ट, बांस बस्वाड़ी, पडासूसेरा, फुरकिया झाला, चिडिय़ाघोल, कायल, गड़ीगोठ, देशीफार्म, चंदनी, गैडाखाली, ब्रहमदेव, थ्वालखेड़ा और छीनीगोठ।
लघु सिंचाई: चमकोट, भंडारबोरा, अमकडिय़ा, नानीगाड़ लफड़ा, सल्ली, सलान, रैघाड़ी, ग्वीनाड़ा, चौड़ागूंठ, झुलेड़ी, गूम, परेवा, देवीधुरा, कजीना, मल्ला खाईकोट, पेडुसेरा कोट, सुंई पऊ लिफ्ट सिंचाई योजना।
सिंचाई विभाग: अधुनी, नंदोला, गागरी और सालीखेत।
एक-चौथाई खेतों में फिलहाल सिंचाई की सुविधा
चंपावत। जिले में खेतों में सिंचाई के लिए ज्यादातर किसान अब भी बारिश पर आश्रित हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा की कमी है। सिंचाई के साधनों की कमी किसानों की मेहनत पर पानी फेर रही है। जिले में कुल खेती योग्य 16610 जमीन का 20 प्रतिशत से भी कम हिस्सा (3835 हेक्टेयर) सिंचित है। मैदानी क्षेत्र को छोड़ अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा नदारद है। सिंचाई के साधनों की कमी किसान की मेहनत पर भारी है। सिंचित जमीन के नहीं होने से किसान खेती से भी मुंह मोड़ रहे हैं।

किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेती में सिंचाई की सुविधा का भी विस्तार किया जा रहा है। सिंचाई, लघु सिंचाई के अलावा नलकूप खंड के जरिए सिंचित क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है। 2023-24 के वित्त वर्ष में तीनों विभागों में सिंचाई के लिए साढ़े पांच करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए हैं। -नरेंद्र सिंह भंडारी, डीएम, चंपावत

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