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डिजिटल करेंसी ई-रुपी का इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड

रुद्रपुर। भारतीय रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी ई-रुपी का इस्तेमाल करने वाला देश का पहला राज्य उत्तराखंड बनेगा यूएलडीबी (उत्तराखंड लाइव स्टॉक डेवलेपमेंट बोर्ड) की ओर से निजी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं को गाय-भैंसों का कृत्रिम गर्भाधान करने पर ई-रुपी से ही भुगतान होगा।

उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज संस्थान में राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत वित्त पोषित एक्सेलेरेटड ब्रीड इंप्रुवमेंट प्रोग्राम(एबीआईडी) की ओर से सेक्स सोर्टेड सीमन के संबंध में 80 निजी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं का मास्टर ट्रेनरों की ओर से प्रशिक्षण दिया गया। यूएलडीबी के मुख्य अधिशासी अधिकारी डॉ. राकेश सिंह नेगी ने बताया कि 90 प्रतिशत बछिया पैदा करने वाले सांड़ के वीर्य की सीरम बनाने पर राज्य सरकार से 500 रुपये व केंद्र से 250 रुपये अनुदान दिया जा रहा है।

बताया कि काफी कीमत वाले वीर्य की सीरम भी पशुपालकों को मात्र 150 या 100 रुपये में दी जाएगी। बताया कि अब वीर्य का इस्तेमाल स्वदेशी व विदेशी नस्ल की गायों में भी कर सकते हैं। इससे क्रास ब्रीडेड गाय पैदा हो सकेंगी। बताया कि एक गाय में दो बार कृत्रिम गर्भाधान करने के बाद भी बछिया पैदा नहीं हुई तो पशुपालकों को 100 रुपये वापस कर दिए जाएंगे। बताया कि भारत पशुधन एप के इस्तेमाल से गाय व भैंस के पूरे वंशावली का पता चल सकेगा। बताया कि उत्तराखंड को प्रति वर्ष 60 हजार कृत्रिम गर्भाधान करने का लक्ष्य दिया गया है। बताया कि ई-रुपी से भुगतान की नई प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। पहले कार्यकर्ताओं को डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाता था। वहां सीवीओ डॉ. एसबी पांडेय, डॉ. शिवानी चौहान, डॉ. अशीम देव, डॉ. विशाल शर्मा, डॉ. पुनीत भट्ट आदि थे

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