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प्रदेश में खुलेंगी 9 क्रिटिकल केयर यूनिट, मरीजों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा

प्रदेश में जल्द ही नौ क्रिटिकल केयर यूनिट खोली जाएंगी। आमजन को बेहतर चिकित्सा और शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके अलावा अल्मोड़ा, श्रीनगर, पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में भी डॉक्टरों की नियुक्ति की जा रही है। यह बात दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आयोजित सेमिनार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहीं।

अस्पताल के सभागार में क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आईसीयू में योगदान पर कार्यशाला हुई। डॉ. संजय कुमार जैन ने आईसीयू में ट्रामा मैनेजमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्व बताया। हेमा सक्सेना ने इमरजेंसी में क्रिटिकल केयर की जानकारी दी। इस मौके पर प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, डॉ. अनुराग अग्रवाल, डॉ. गौरव चोपड़ा, डॉ. केसी, डॉ. सुशील ओझा मौजूद रहे।

हल्द्वानी, दून मेडिकल कॉलेज में होगी उप प्राचार्य की नियुक्ति

स्वास्थ्य मंत्री ने दून मेडिकल कॉलेज, अस्पताल में चल रही विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली और प्राचार्य के कार्यकाल का ब्योरा देखा। मंत्री ने कहा, दून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में मरीजों का अधिक दबाव रहता है। यहां सारा काम प्राचार्य को देखना पड़ता है। ऐसे में यहां पर एक उप प्राचार्य का पद नियुक्त किया जाएगा। ताकि, कुछ काम उप प्राचार्य देख सकें और प्राचार्य को अन्य सुविधाएं देखने में मदद मिले।

प्राचार्य को स्टाफ बढ़ाने के दिए निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के स्टाफ का हाल जाना। उन्होंने कहा, अस्पताल में मरीजों की संख्या के हिसाब से स्टाफ की कमी है। उन्होंने प्राचार्य को स्टाफ बढ़ाने के निर्देश दिए। मंत्री के निर्देश के बाद निकाले गए करीब 300 संविदा कर्मचारियों को एक बार फिर से रोजगार मिलने की उम्मीद जागी है। संभवतः इन कर्मचारियों को रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती किया जा सकता है।

जून के पहले सप्ताह में शुरू होंगे आईसीयू
अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. धनंजय डोभाल ने बताया कि नई बिल्डिंग में बने आईसीयू को अभी शुरू नहीं किया गया है। हालांकि, आईसीयू तैयार हैं। कुछ कमियां थीं, जिन्हें सुधार लिया गया है। जून के पहले सप्ताह में आईसीयू सुचारू हो जाएंगे। इससे अस्पताल में आईसीयू बेड की संख्या 100 से अधिक हो जाएगी। डॉ. डोभाल ने बताया कि नई बिल्डिंग में मेडिसिन, क्रिटिकल केयर और गाइनी आईसीयू बनकर तैयार हैं। डायलिसिस मशीन, पोर्टेबल एक्स-रे की सुविधा भी आईसीयू में ही रहेगी। वहीं, अस्पताल में लोअर आईसीयू, अपर सर्जिकल आईसीयू और कोविड आईसीयू पहले से ही चल रहे हैं

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