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लड्वासैंण में शाम को धमका बाघ, मची अफरातफरी

रिखणीखाल ब्लॉक के बाघ प्रभावित गांव डल्ला के तोक गांव लड्वासैंण में शनिवार शाम को फिर से बाघ धमक गया है। बाघ की धमक होते ही खेत खलिहानों और घर के आंगन में काम कर रहे लोगों में अफरातफरी मच गई। उधर, नैनीडांडा के ख्यूणाई तल्ली गांव में लोगों को बाघ तो नहीं दिखाई दिया, लेकिन रात को बाघ के गुर्राने की आवाजें सुनाई दी।

ग्राम पंचायत मेलधार के लड्वासैंण निवासी राजेंद्र प्रसाद देवरानी ने बताया कि शुक्रवार को जहां गाडियूंपुल व आसपास बाघ की मूवमेंट रही। वहीं शनिवार शाम को लड्वासैंण में उनके घर के आगे खेतों तक बाघ धमक गया। ग्रामीणों ने बताया कि यह बाघ यहां से ट्रैंकुलाइज किए गए बाघ का साथी है। जो जोड़े में घूमते रहते थे। प्रधान खुशेंद्र सिंह, जगदीश सिंह और तारा सिंह का कहना है कि अभी तक न तो पिंजरा लगाया गया है, न ही ट्रैंकुलाइज टीम ही तैनात की गई है। आक्रोश जताते हुए ग्रामीणों ने कहा कि शायद वन विभाग को एक और घटना का इंतजार है। उधर, नैनीडांडा ब्लॉक के ग्राम पंचायत उम्टा की प्रधान लक्ष्मी देवी ने बताया कि शुक्रवार रात बाघ तो नहीं दिखा, लेकिन ख्यूणाई रौले में उसके गुर्राने की आवाज सुनाई दी है। गढ़वाल वन प्रभाग के दीवा रेंज अधिकारी महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शुक्रवार रात को व शनिवार दिन में बाघ की मूवमेंट नहीं दिखाई दी है। देर शाम लड्वासैंण में मूवमेंट की सूचना मिली है। वहां के कैमरा ट्रेप खंगाले जा रहे हैं। दूसरे बाघ की सक्रियता की सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।

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