क्या वर्ल्ड नंबर-वन बैटर को ड्रॉप किया जाता?’, अश्विन को न खिलाने के फैसले पर फिर भड़के गावस्कर
भारतीय टीम मैनेजमेंट के रविचंद्रन अश्विन को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में नहीं खिलाने के फैसले पर सुनील गावस्कर ने एक बार फिर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- किसी अन्य टॉप क्लास भारतीय क्रिकेटर के साथ अश्विन की तरह चौंकाने वाला व्यवहार नहीं किया गया है।
गावस्कर ने कहा- आप बताइए अगर आपके पास वर्ल्ड नंबर वन आईसीसी रैंकिंग वाला बैटर होता। अगर वह पिछले कुछ समय से घास वाली पिचों पर रन नहीं बना पाया हो या स्पिन की मददगार पिच पर रन न बना पाया हो तो क्या उसे टीम से बाहर कर दिया गया होता? बिल्कुल नहीं।
दरअसल, अश्विन को फाइनल के लिए प्लेइंग-11 से बाहर कर दिया गया था। कप्तान रोहित ने टॉस के वक्त कहा था कि अश्विन जैसे गेंदबाज को प्लेइंग-11 से बाहर रखना मुश्किल है, लेकिन उन्हें टीम के हित को देखते हुए यह फैसला करना पड़ रहा है। हालांकि, रोहित का यह फैसला बैकफायर हुआ और टीम को पहले दिन से ही अश्विन की कमी खली। नतीजा यह हुआ कि ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में विशाल स्कोर खड़ा किया। यहीं से टीम इंडिया बैकफुट पर चली गई थी। सिर्फ गावस्कर नहीं बल्कि, सौरव गांगुली, रिकी पोंटिंग और माइकल वॉन तक ने अश्विन को न खिलाने को भारी भूल बताया था।
रोहित (43) और पुजारा (27) दोनों खराब शॉट खेलकर आउट हुए। 93 रन तक टीम इंडिया के तीन विकेट गिर गए थे। चौथे दिन इसके बाद विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे ने कोई विकेट नहीं गिरने दिया और नाबाद पवेलियन लौटे। पांचवें दिन कोहली भी खराब शॉट खेलकर पवेलियन लौट गए। वह 49 रन बनाकर आउट हुए। कोहली और रहाणे ने चौथे विकेट के लिए 86 रन की साझेदारी निभाई। रवींद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर खाता भी नहीं खोल सके। भरत 23 रन, उमेश एक रन और सिराज एक रन बनाकर आउट हुए। रहाणे ने 46 रन की पारी खेली। इस तरह भारत की पूरी पारी 234 रन पर समाप्त हो गई और टीम इंडिया को 209 रन से हार का सामना करना पड़ा।