Mon. Jun 16th, 2025

अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम विरोधी दिवस पर ग्रामीण समाज विकास केंद्र ने चलाया जागरुकता अभियान

मुजफ्फरनगर। 12 जून को अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम विरोधी दिवस के मौके पर एनजीओ  ग्रामीण समाज विकास केंद्र जागरुकता अभियान चलाया और जागरुकता रैली निकाल कर बाल विरोधी दिवस के बारे में लोगों को जागरुक किया।

संस्था इस साल जून महीने को बाल श्रम के खिलाफ एक्शन मंथ के रूप में मना रहा है इसके तहत पूरे महीने बच्चों को बाल श्रम और दासता के चंगुल से मुक्त कराने के लिए छापामार कार्रवाई की जाती है और बचाव अभियान चलाया जाता है।

इस मौके पर पर ग्रामीण समाज विकास केंद्र के निदेशक मेहरचंद ने कहा, “आज हमारे देश में बाल श्रम उन्मूलन के लिए कई प्रभावी नीतियां और कड़े कानून हैं. लेकिन जब तक इस बारे में लोगों के बीच जागरूकता नहीं होगी और पूरा समाज इसकी जिम्मेदारी लेकर अपना काम नहीं करेगा, तब तक यह एक चुनौती के रूप में बना रहेगा। हम सभी भारत को बाल श्रम मुक्त बनाने के साथ हर एक बच्चे को एक स्वस्थ, खुशहाल, सुरक्षित और आजाद बचपन देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.हम इस प्रयास में निश्चित रूप से सफल होंगे।”

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की रिपोर्ट- ‘बाल श्रम: वैश्विक अनुमान 2020, रूझान और आगे की राह’ के मुताबिक साल 2020 की शुरुआत में पूरी दुनिया में 16 करोड़ बच्चे बाल श्रम की चपेट में थे इनमें 6.3 करोड़ लड़कियां और 9.7 करोड़ लड़के हैं यानी दुनिया का हर 10 में से एक बच्चा मजदूरी करने पर मजबूर है.

बाल श्रम को लेकर भारत में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक पूरे देश में पांच से 14 साल के बीच के मजदूरों की संख्या 1.10 करोड़ है. यह देश में बच्चों की कुल संख्या का 3.9 फीसदी हिस्सा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed