समर्थ पोर्टल..कोर्स, शुल्क, एडमिशन प्रक्रिया का पता न होने से छात्र परेशान, 24 जून अंतिम तिथि
12वीं के बाद उच्च शिक्षा लेने वाले छात्रों की दाखिला प्रक्रिया में एकरूपता लाने के लिए सरकार ने समर्थ पोर्टल तो लांच कर दिया लेकिन इस पर कॉलेजों के कोर्स व शुल्क के साथ ही एडमिशन प्रक्रिया की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। प्रदेशभर से छात्र इससे परेशान हैं। उन्हें नहीं पता कि जिस कॉलेज को वह चुन रहे हैं, उसमें कितना शुल्क देना पड़ेगा।
पिछले दिनों उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने समर्थ पोर्टल लांच किया था। इसके माध्यम से श्रीदेव सुमन विवि, अल्मोड़ा विवि, कुमाऊं विवि परिसर व उनके संबद्ध सभी सरकारी, अशासकीय, निजी कॉलेजों में दाखिले होने हैं। प्रदेशभर से करीब 20 हजार छात्रों के इस पोर्टल के माध्यम से आवेदन का दावा भी महकमा कर रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर काफी दुश्वारियां हैं।
छात्र परेशान हैं। पोर्टल पर किसी विश्वविद्यालय का कौन सा कॉलेज है। उस कॉलेज में कौन से कोर्स हैं ये जानकारी तो है लेकिन इन कोर्स की कितनी फीस है। कितनी सीटें हैं। इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। किसी निजी कॉलेज में बीए की फीस 2600 रुपये है तो कहीं 15 हजार है।
ऐसे में अगर छात्र को अधिक फीस वाला कॉलेज आवंटित हो गया तो वह क्या करेगा, इसकी जानकारी किसी को नहीं। आवेदन करते समय ही कॉलेज का नाम व कोर्स आता है, जिसे भरने के बावजूद इनमें से कोई जानकारी नहीं मिल पाती। छात्रों की मांग है कि पोर्टल पर सभी विवि, कॉलेजों के कोर्स, शुल्क आदि की जानकारी का ब्रॉशर अलग से उपलब्ध होना चाहिए
उच्च शिक्षा विभाग ने दाखिलों के आवेदन की अंतिम तिथि 24 जून तय की है। अभी उत्तराखंड बोर्ड व अन्य बोर्ड की कंपार्टमेंट परीक्षाएं हो रही हैं। उनका परिणाम भी संभावित तौर पर जुलाई तक आएगा। ऐसे में छात्रों को चिंता सता रही है कि वह इस दाखिला प्रक्रिया से वंचित रह जाएंगे।
कॉलेज भी परेशान, न लॉगिन न कोई जानकारी
समर्थ पोर्टल से जुड़े हुए निजी कॉलेज संचालक भी परेशान हैं। एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि कई कॉलेजों के कई कोर्स तो इस पोर्टल में विकल्प में ही नहीं आ रहे। उन्होंने कहा कि कॉलेजों को न तो पहले से इसकी कोई जानकारी दी गई। न ही उन्हें पोर्टल से जुड़ा ऐसा कोई लॉगिन, पासवर्ड आदि दिया गया। उन्हें पता भी नहीं है कि उनके लिए कितने दावेदार छात्र हैं।
प्रदेश में यह व्यवस्था पहली बार लागू की गई हैं। जो भी दुश्वारियां पेश आ रही हैं, हम उन्हें दूर कर रहे हैं। पोर्टल पर सभी विवि के नोडल अधिकारियों सहित कई मोबाइल नंबर उपलब्ध हैं। हमने आवेदन की प्रक्रिया के लिए पोर्टल पर वीडियो भी जारी किया हुआ है। -प्रशांत आर्य, अपर सचिव, उच्च शिक्षा