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विकास के 30 सूत्रों पर होगी जिलाधिकारियों के नेतृत्व की परख, रैंकिंग में अव्वल जिले होंगे सम्मानित

जिलों के विकास के लिए तय किए गए 30 सूत्रों पर जिलाधिकारियों के नेतृत्व की परख होगी। नेतृत्व की इस परीक्षा के लिए प्रदेश सरकार जिलों की मासिक व वार्षिक रैंकिंग शुरू करने जा रही है। इसके लिए अलग से एक पोर्टल तैयार किया जाएगा, जिसमें हर जिले की प्रगति के आधार पर रैंकिंग प्रदर्शित होगी।

30 सूत्रीय कार्यक्रमों में प्रदर्शन के आधार पर उच्च स्तरीय मूल्यांकन समिति सिफारिश करेगी कि कौन जिला विकास की कसौटी पर कितना खरा उतरा। इस रैंकिंग में अव्वल रहने वाले जिलों को सम्मानित किया जाएगा। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में पत्र जारी किया है। साथ ही इसकी सूचना सभी अधिकारियों, विभागाध्यक्षों और आयुक्तों को भी दी गई है। विकास के 30 सूत्रों में प्रत्येक सूत्र के लिए उनकी विशेषता के हिसाब से अधिमान (वेटेज) तय किए गए हैं। 

विकास के 30 सूत्र और तय अधिमान

पांच अंक वाले सूत्र : ईको टूरिज्म, शहरों में कूड़ा संग्रहण, वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का निपटारा, सरकारी परिसंपत्तियों पर अवैध अतिक्रमण हटाना, सरकारी परिसंपत्तियों की डिजिटल पंजिका।

चार अंक वाले सूत्र : पर्यटन नीति का सफल क्रियान्वयन, गड्ढामुक्त सड़कें, पार्किंग विकास, शहरी क्षेत्रों में निराश्रित पशुओं की समस्या का समाधान, पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों में बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण आधारित लघु एवं सूक्ष्म उद्योग, नदी संरक्षण व तटबंधों का निर्माण, जनसुविधा तथा जनसमस्याओं के समाधान की प्रक्रिया को सरल बनाना, विभागीय कार्यों को करने के लिए वार्षिक कैलेंडर तैयार करना, विभागों में ई-ऑफिस पर काम व पुराने दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन करना।

तीन अंक वाले सूत्र : जी-20 सम्मेलन की तरह प्रमुख मार्गों को सौंदर्यीकरण, प्रमुख मार्गों के किनारे प्लास्टिक व कूड़ा हटाना, पिरूल आधारित विविध परियोजनाओं का उपयोग, आयुष विधा को प्रोत्साहित करने के क्षेत्र की उपलब्धि, राज्य व केंद्र पोषित, एसएएस, नाबार्ड व बाह्य सहायतित परियोजना के तहत विभिन्न प्रस्ताव तैयार करने, मुकदमों के तेजी से निपटारा।

दो अंक वाले सूत्र : खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने, सेवाप्रदाता विभागों की विविध सेवाओं के संचालन व रखरखाव का कार्य एनजीओ या महिला समूहों को देने, छात्रों के लिए पुस्तकालय बनाने, बुद्धिजीवियों व स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ नियमित और रचनात्मक संवाद के लिए जनसहभागिता फोरम गठित करने, मिशन कर्मचारी कार्यक्रम की उपलब्धि, सौर ऊर्जा के बेहतर और वैकल्पिक प्रयोग व विभागों में पदोन्नति के खाली पदों के सापेक्ष पदोन्नति कराने।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को प्रत्येक सूत्र के आधार पर अपने जिले की आवश्यकता और संभावना को देखते लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए। कहा कि जिलाधिकारी की भूमिका शासन के प्रतिनिधि के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे देखते हुए जिलों के प्रशासनिक तंत्र को मजबूत, सुगठित और प्रभावी बनाने के प्रयास हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जिलाधिकारियों को पर्याप्त अनटाइड फंड, खनन न्यास की निधियां व जिला योजना का बजट बढ़ाया गया है। बजट की कमी की समस्या के समाधान के लिए मिसिंग लिंक की व्यवस्था शुरू की गई है। इसलिए जिलाधिकारियों से यह अपेक्षा है कि वह प्रत्येक सूत्र के लिए अपने जिले की आवश्यकता व संभावना के आलोक में स्वयं औचित्यपूर्ण लक्ष्य तय कर और सूचना मासिक आधार पर पोर्टल पर अपलोड करें

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