स्थानीय, पारंपरिक ज्ञान को विज्ञान के साथ जोड़ें : नौटियाल
अल्मोड़ा। गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी-कटारमल में व्याख्यान कार्यक्रम हुआ। इसका शुभारंभ संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील नौटियाल ने किया। उन्होंने कहा कि स्थानीय और पारंपरिक ज्ञान को विज्ञान के साथ जोड़ना बहुत जरूरी है।
उन्होंने संस्थान की ओर से हिमालयी क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों के बारे में बताया। कार्यक्रम में मौजूद स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी स्टडीज, वेस्टर्न कोलोरेडो विश्वविद्यालय गुनिसन, अमेरिका के प्रो. जेसी बेकर ने सिस्टम थिंकिंग विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि सिस्टम प्रणाली की ऊर्जा को अधिकतम करने, एन्ट्रापी घटाने की जरूरत है। वेस्टर्न कोलोरेडो विश्वविद्यालय अमेरिका की शोधार्थी कात्या ने सिस्टर सिटीज पार्टनरशिप विषय पर व्याख्यान दिया। इसके तहत मजखाली ग्रामसभा और गुनिसन के मध्य हो रही साझेदारी के बारे में बताया। कहा कि इसका उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के मध्य सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक विचारों का आदान-प्रदान करना है। इस मौके पर द वृक्षालय हिमालयन सेंटर के संस्थापक और निदेशक डॉ. अजय रस्तोगी, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आईडी भट्ट, डॉ. केएस कनवाल, डॉ. जेसी कुनियाल, डॉ. पारोमिता घोष, इंजीनियर महेंद्र लोधी, डॉ. सतीश आर्य, डॉ. मिथिलेश सिंह आदि मौजूद रहे।