जिला प्रशासन ने 29 बाढ़ चौकियों को किया सक्रिय
रुद्रपुर। मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। जिले में बनाई गई 29 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है, साथ ही आठ तहसीलों में बनाया गया आपदा नियंत्रण कक्ष ने भी 24 घंटे कार्य करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिह्नित 77 सस्ता गल्ला दुकानों में जरूरी खाद्यान्न और अन्य सामान को आरक्षित किया गया है। जिले में सितारगंज, खटीमा और काशीपुर बाढ़ को लेकर संवेदनशील हैं।
बरसात में कल्याणी, ढेला, काेसी, बौर, भाखड़ा, कैलाश, देवहा, परवीन, कामन, बैगुल नदियां उफान पर रहकर तबाही मचाती है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से गांवों और बस्तियाें में भारी जलभराव हो जाता है और परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करना पड़ता है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मानसून को लेकर तैयारियां कर ली है। सबसे अधिक काशीपुर तहसील में आठ बाढ़ चौकियां बनाई गईं है। जिले में सभी बाढ़ चौकियों में दो-दो कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। जिले में 95 आश्रय स्थल चिन्ह्ति किए गए हैं, जहां 51 हजार लोगों को ठहराया जा सकता है।
राहत और बचाव कार्य के लिए 27 सरकारी एंबुलेंस, हर तहसील में ड्रोन, चार मोटर बोट, 120 नावों के साथ ही 14 सेटेलाइट फोन के साथ ही जिले में 46 अस्थायी हैलीपेड चिह्नित किए गए हैं। इंसिडेंट रिस्पांस टीम (आईआरएस) में पुलिस, प्रशासन और अन्य विभागों के अधिकारियों को शामिल कर जिम्मेदारियां दी गई हैं। इसके अलावा राहत शिविर बनाने के लिए 1103 प्राथमिक, जूनियर और माध्यमिक स्कूल को चिह्नित किया गया है। प्रभारी अधिकारी आपदा प्रबंधन कौस्तुभ मिश्रा ने बताया कि सभी बाढ़ चौकियों को सक्रिय करने के साथ ही विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की रोस्टरवार ड्यूटी लगा दी गई हैं। सभी तहसीलों में आपदा संबंधी उपकरण हैं। हर गैस एजेंसी को 20 और हर पेट्रोल पंप को 2000 लीटर डीजल व 1000 लीटर पेट्रोल आरक्षित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
बाढ़ को लेकर संवेदनशील क्षेत्र- 70
अतिसंवेदनशील -52
जलभराव के संवेदनशील क्षेत्र- 98
जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय में टेंट- 07
जिला आपदा नियंत्रण कक्ष- दूरभाष संख्या- 05944-250719, 250250, टोल फ्री नंबर- 1077