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बरसात शुरू होने से पहले आपदा से निपटने के कार्य शुरू

नैनीताल। कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जिलों में मानसून सीजन के दौरान आने वाली आपदा को कम करने और बचाव से जुड़े कार्य कराने के लिए सभी जिलों में काम तेज हो गया है। जर्जर भवनों को चिह्नित कर उन्हें खाली कराने के साथ साथ अंधड़ की स्थिति में गिरने वाले पेड़ों को भी कटवाया जा रहा है। पर्वतीय जिलों में सरकारी सस्ते गल्लों की दुकानों को तीन माह का अग्रिम खाद्यान भी उपलब्ध करा दिया गया है।

आयुक्त दीपक रावत ने कहा कि कुमाऊं के सभी छह जिलों के जिलाधिकारियों को पूर्व में ही सड़कों के किनारे बंद पड़े कलमठ और नालियों को खोलने, जर्जर भवनों को चिह्नित कर उन्हें खाली कराने, जर्जर स्कूल भवनों में पढ़ रहे बच्चों को आसपास के सरकारी भवनों में शिफ्ट करने और गिरताऊ पेड़ों को कटवाने के निर्देश दिए थे। उन्होंनेे बताया कि नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर और ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारियों ने यह सभी काम शुरू करा दिए हैं जो अब पूरे होने को हैं। कमिश्नर ने बताया कि निर्देश दिए गए हैं कि दूरसंचार सेवा से वंचित इलाकों में ग्राम पंचायत, वन पंचायत और आपदा मित्रों को वाॅकी-टाॅकी उपलब्ध कराएं ताकि समय से सूचनाएं प्रशासन तक पहुंच सकें।

नैनीताल। आयुक्त दीपक रावत ने बताया कि मानसून सीजन के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में कई बार पहाड़ियों के दरकने से सड़कें बंद हो जाती हैं। सड़क बंद होने की स्थिति में लोनिवि के अधिकारी जेसीबी चालकों के मोबाइल नंबर खोजते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए लोनिवि और एनएच के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सभी जेसीबी चालकों के मोबाइल नंबर और पता पहले से ही अपने पास रखें ताकि जरूरत पर उन्हें बुलाया जा सके।

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