ग्वालियर ,,,गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आज पूरे देश में गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया सुबह से ही आज मंदिरों में लोगों की भीड़ देखी गई इसी प्रकार ग्वालियर में भी आज गुरु पूर्णिमा बड़े धूमधाम के साथ मनाई गई विकासनगर स्थित साईं बाबा के मंदिर मैं सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई ,साईं बाबा की मूर्ति पर सुबह जलाभिषेक किया गया तत्पश्चात बाबा को नए वस्त्र पहनाए गए मंदिर प्रांगण को चारों ओर फूलबंगला और लाइटिंग से सजाया गया , बाबा को 56 प्रकार का भोग लगाया गया शाम को हर वर्ष की तरह लाला का बाजार गाडवे की गोट सेे बाबा की पालकी निकाली गई पालकी में भव्यता लाने के लिए पालकी के आगे साईं दरबार ,शंकर जी राधा कृष्ण सहित कई सजी हुई झांकिया आगे चल रही थी ,पालकी समारोह में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए बाबा की पालकी में भजनों ओर ढोल पर लोग डांस कर रहे थे, पालकी का जगह जगह स्वागत किया गया , पालकी लाला के बाजार से शुरू हुई जो माधवगंज महाराज वाडा सराफा बाजार शिंदे की छावनी फूल बाग चौराहा होती हुई विकासनगर साईं बाबा मंदिर पर जाकर समाप्त हुई जहाँ बाबा के दरबार में भंडारे का आयोजन किया गया,लोगों ने भंडारे में प्रसादी ग्रहण की और भजनों का आनंद लिया वही जनक गंज स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर मैं भी गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया गया शिष्यों ने किये गुरु की चरणपादुका के पूजन किया ,इस अवसर पर अलग-अलग जिले और राज्यों से आए भक्तों ने गुरुजी की चरण पादुका पूजन कर पूर्णिमा उत्सव मनाया शास्त्रों में वर्णन है कि गुरु अज्ञानता के अंधकार से निकालकर ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं आज श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर पर सुबह 6 बजे भगवान श्री का अभिषेक कर विशेष श्रृंगार मंदिर के पुजारी राघवेश लव्हाटे द्वारा किया। तदुपरांत भगवान श्री की चरण पादुका का पूजन मंदिर कमेटी द्वारा किया गया शाम 4 बजे से ही भक्त आना शुरू हो गए। देश के अलग-अलग स्थानों से आए श्रद्धालु और शिष्यों ने प्रभु श्रीलक्ष्मी नारायण के दर्शन कर बाबा महाराज की चरण पादुकाओं का पूजन कर गोलोक वासी बाबा महाराज को फल ओर प्रशादी का भोग लगाया गया इस अवसर पर मंदिर समिति के सभी लोग मौजूद थे,इसी प्रकार हाईकोर्ट स्थित गिर्राजी मंदिर,अचलेश्वर मन्दिर,गंगादास कि शाला सहित कई जगह गुरुपूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया वही तिघरा के पास शंकर भगवान ओर हनुमान जी का प्राचीन मंदिर है जो कई वर्षों पुराना है बताया जाता है कि ये मंदिर साधु संतों तपस्या स्थल हुआ करता था जहाँ कई साधु संतो ने वर्षो तपस्या की ऐसे ही है वो साधु जिन्होंने वहाँ तपस्या की वो शिवगिरि महराज के नाम से जाने जाते है आज गुरुपूर्णिमा के अवसर पर इस मंदिर में भी गुरु जी के दर्शन करने कई लोग आते है,अब जो मंदिर के महंत है वही मंदिर की पूजा अर्चना करते है इस मंदिर में ग्वालियर के अलावा बाहर ओर कई गांव से लोग गुरु महाराज के दर्शन करने आते है