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छेत्री ने चार हफ्ते के शिविर का किया समर्थन, एशियाई कप से पहले इन देशों के खिलाफ चाहते हैं खेलना

भारतीय फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री ने रविवार को मुख्य कोच इगोर स्टिमैक की अगले साल एशियाई कप से पहले कम से कम चार हफ्ते लंबे शिविर की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि टीम को महाद्वीप में सर्वश्रेष्ठ टीमों से भिड़ने की तैयारी के लिए काफी समय की जरूरत है। 38 वर्ष के सुनील छेत्री दोहा में (12 जनवरी से 10 फरवरी तक) अपना अंतिम एशियाई कप खेलेंगे और उन्होंने साथ ही इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट से पहले एशिया में शीर्ष सात रैंकिंग पर काबिज टीम जैसे ईरान, जापान या सऊदी अरब के खिलाफ कम से कम एक अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच कराने की भी वकालत की।

सुनील छेत्री ने मीडिया से वर्चुअल बातचीत में कहा कि हम एशियाई कप (ग्रुप मैच) में ऑस्ट्रेलिया, उज्बेकिस्तान और सीरिया से भिड़ने जा रहे हैं, इसलिए स्टिमैक (और गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू) ने लंबे शिविर लगाने की बात कही। हमें इसकी जरूरत है और मुझे उम्मीद है कि हमें ये मिलेंगे। उन्होंने पिछले दो टूर्नामेंट में टीम की सफलता के लिए 50 से ज्यादा दिन के लंबे शिविर को श्रेय देते हुए कहा कि जब आप राष्ट्रीय शिविर में जाते हो तो उसमें खिलाड़ियों को चोट भी होती हैं और वे अपने संबंधित क्लब से अलग मानसिक स्तर के साथ आते हैं। आपको इन सभी चीजों को देखना होता है और ये सब करने के लिए आपको और अधिक समय की जरूरत होती है।

भारत ने मणिपुर में 22 से 28 मार्च तक त्रिकोणीय अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतने के बाद नौ से 18 जून तक भुवनेश्वर में इंटरकॉन्टिनेंटल कप और 21 जून से चार जुलाई तक बेंगलुरु में सैफ चैंपियनशिप जीती। खिलाड़ी मई के मध्य से सैफ चैंपियनशिप तक राष्ट्रीय शिविर में रहे थे। स्टिमैक ने कहा था कि उन्हें एशियाई कप में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कम से कम चार हफ्ते का शिविर चाहिए होगा जबकि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के शीर्ष अधिकारियों ने संकेत दिया था कि उनकी मांग पूरी करना मुश्किल होगा क्योंकि क्लब अपने खिलाड़ियों को घरेलू सत्र के बीच में इतने लंबे समय के लिए रिलीज करने के लिए शायद राजी नहीं होंगे।

सैफ चैंपियनशिप में बतौर शीर्ष स्कोरर ‘मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर’ चुने गए छेत्री ने यह भी कहा कि टीम को एशियाई कप से पहले महाद्वीप में शीर्ष छह या सात रैंकिंग पर काबिज एक देश से कम से कम एक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर हमें एशियाई कप से पहले कम से कम दो या तीन महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच मिल जायें जो एशिया में शीर्ष छह या सात रैंकिंग पर काबिज एक देश के खिलाफ हों तो इससे हमें खुद की तैयारी के बारे में ज्यादा अच्छी तरह पता चल जाएगा और इससे हम अच्छी तरह तैयार हो पाएंगे।

छेत्री ने कहा, ”अगर मैं नाम दूं तो ये देश ईरान, जापान या सऊदी अरब हो सकते हैं। अगर हम जापान, ईरान या दक्षिण कोरिया के खिलाफ नहीं खेलेंगे तो हमें ऑस्ट्रेलिया (एशियाई कप में भारत की मजबूत प्रतिद्वंद्वी) के स्तर का पता नहीं चल पाएगा

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