डिजिटल मैमोग्राफी मशीन से ब्रेस्ट कैंसर का तुरंत पता लगाया जा सकेगा, जबकि डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन से एक्सरे में आसानी रहेगी। इसके साथ ही अस्पताल की कैथ लैब में हार्ट सर्जरी हो सकेगी और आईसीयू के लिए बेड की कमी नहीं होगी। इससे मरीजों को निजी अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। बता दें कि अस्पताल में कैथ लैब और आईसीयू शुरू करने के लिए अमर उजाला की ओर से लगातार खबरें प्रकाशित की गईं। जिस पर शासन ने संज्ञान लेकर आईसीयू और कैथ लैब शुरू किए।
कार्यक्रम में दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, एमएस डॉ. युसुफ रिजवी, डिप्टी एमएस डॉ. धरंजय डोभाल, असिस्टेंट नर्सिंग ऑफिसर दीपशिखा सिंह और सरिता सिंह के साथ अन्य लोग मौजूद रहे।