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चंपावत जिले में होगा शहतूत का पौधरोपण

चंपावत। जिले में पहली बार रेशम की खेती की जाएगी। इसके लिए हरेला पर्व से शहतूत के पौधे लगाए जाएंगे। सोमवार को चार गांवों में पांच हजार पौधे लगाए जाएंगे। रेशम की खेती के जरिये किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाएगा। उत्पादित रेशम स्वयं विभाग खरीदेगा। जिले में रेशम की खेती के लिए 2023-24 की जिला योजना में पहली बार 8,50,000 रुपये का प्रावधान किया गया है। अनुकूल जलवायु वाली जगह में रेशम की खेती को बढ़ावा देने के लिए 125 किसानों का चयन कर लिया गया है। शहतूत की पत्तियां रेशम के कीटों का प्रमुख भोजन है। पहले चरण में शहतूत के 37,500 पौधे लगाए जाएंगे। रेशम पालन विभाग के प्रभारी अधिकारी जीवन चंद्र खर्कवाल ने बताया कि जिले के दो ब्लॉक के चयनित चार गांवों में इन पौधों को लगाया जाएगा। सोमवार को पांच हजार पौधे लगाए जाएंगे जबकि शेष पौधे अगले एक माह में लगा लिए जाएंगे। दो साल में शहतूत के पौधे का विकास होने के बाद कीटपालन शुरू कराया जाएगा।

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