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जिले का पहला मॉडल आईटीआई होगा टनकपुर

चंपावत। चंपावत जिले के सबसे पुराना टनकपुर आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) स्मार्ट बनने से कुछ दूर है। विश्व बैंक की मदद से यह संस्थान नए शिक्षा सत्र में मॉडल आईटीआई में शुमार हो जाएगा। सिविल कार्य पूरा हो चुका है। मॉडल आईटीआई बनने से प्रशिक्षण के परंपरागत तौरतरीके पर बदलाव होगा और तकनीक के उपयोग से गुणवत्ता भी बेहतर होगी। टनकपुर में 1976 में स्थापित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्णानंद जोशी आईटीआई प्रदेश के सबसे पुराने आईटीआई में एक है। सात (इलेक्ट्रीशियन, इलेक्ट्रॉनिक, मोटर मैकेनिक, फीटर, स्टैनो, फैशन डिजाइनिंग और कटिंग और सिलाई) ट्रेड में 172 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण ले ररी हैं। इस आईटीआई को विश्व बैंक के सहयोग से 25 करोड़ रुपये से मॉडल आईटीआई बनाया जा रहा है। भवन संबंधी काम पूरा कर लिया गया है। बचा काम दो माह में पूरा करा लिया जाएगा। इससे रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो सकेगी।

मॉडल आईटीआई बनने से ये होंगे लाभ, नई तकनीक के उपयोग से प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा, मौजूदा समय के अनुरूप उद्योग आधारित पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण मिलेगा, फोरमैन और अन्य प्रशिक्षकों को भी प्रशिक्षित करने के साथ आधुनिक पाठ्यक्रम जुड़ेंगे।

टनकपुर के आईटीआई को मॉडल बनाने के लिए जरूरी आधारभूत सुविधाएं तैयार की जा रही है। सिविल काम पूरा हो चुका है। जल्द ही स्मार्ट कैंपस के रूप में काम चल रहा है। मॉडल आईटीआई शुरू होने से प्रशिक्षण की गुणवत्ता बेहतर होने के साथ रोजगार के मौके बढ़ेंगे।

कवींद्र सिंह कन्याल, प्रधानाचार्य, आईटीआई, टनकपुर।

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