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विद्युत सेफ्टी ऑडिट के लिए ठेके पर रखे जाएंगे विशेषज्ञ इंजीनियर, शासन को भेजा प्रस्ताव

चमोली हादसे के बाद प्रदेशभर में चल रहे विद्युत सेफ्टी ऑडिट के लिए ठेके पर इंजीनियर रखेगा। इसके लिए विद्युत सुरक्षा विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। वर्तमान में यहां 65 में से 43 पद खाली पड़े हैं, जिनमें 16 विशेषज्ञ इंजीनियर भी शामिल हैं।

विद्युत सुरक्षा विभाग प्रदेश में बिजली से चलने वाली पेयजल, एसटीपी आदि सभी परियोजनाओं की विद्युत सुरक्षा ऑडिट कर रहा है। इसके तहत विभाग ने टीमें बनाकर काम तो शुरू कर दिया, लेकिन काम करने वालों का भारी टोटा है। हालात ये हैं कि विद्युत सुरक्षा विभाग में मुख्यतौर पर इंजीनियरों के 23 स्वीकृत में से 16 पद खाली पड़े हैं।

विद्युत सुरक्षा विभाग में कुल 65 पद हैं, जिनमें से 43 स्थायी और 22 उपनल, पीआरडी के माध्यम से कार्यरत हैं। ऐसे में प्रदेशभर में विद्युत सुरक्षा जांच और बड़ी चुनौती बन गया है। हालांकि विभाग का कहना है कि राज्य लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है।

विद्युत सुरक्षा इंजीनियरों के पदों पर एक नजर

इंजीनियर                               कुल  पद          भरे पद   रिक्त पद

मुख्य विद्युत निरीक्षक/निदेशक-   01                 01              00

उप विद्युत निरीक्षक-                 03                   00               03

सहायक विद्युत निरीक्षक-          05                    02               03

अपर सहायक विद्युत निरीक्षक-  03-                   01                 02

विद्युत अवर अभियंता-             11                    03                 08

अब आउटसोर्सिंग का ही भरोसा

विद्युत सुरक्षा विभाग ने पूर्व में नौ पदों पर सेवा स्थानांतरण से भर्तियों की मांग की थी। इसका प्रस्ताव भी पास हो गया था लेकिन विभिन्न विभागों से यहां आने वाले इंजीनियर ही नहीं मिले। अब विभाग ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से विशेषज्ञ रखने की मांग की है, जिस पर शासन को निर्णय लेना है। स्टाफ न होने पर विभाग के लिए जांच रिपोर्ट देना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा।

रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन जा चुके हैं। आयोगों के स्तर से प्रक्रिया भी चल रही है। हमने सेवा स्थानांतरण पर काम किया लेकिन विशेषज्ञ नहीं आए। अब हमने आउटसोर्सिंग के माध्यम से विशेषज्ञ इंजीनियर रखने का प्रस्ताव भेजा है। फिलहाल जितने इंजीनियर हैं, उनके माध्यम से ही जांचें कराई जा रही हैं। –जीसी पांडेय, निदेशक, विद्युत सुरक्षा विभाग

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