Sat. Jun 14th, 2025

कहानी ‘बार्बी डॉल’ की, जिसने 64 साल की उम्र में की 42 हजार करोड़ की कमाई

जब भी बचपन और खिलौनों की बात होती है तो बार्बी डॉल का नाम जरूर आता है. यह डॉल दशकों से बच्चों की पसंद से लेकर फैशन स्टेटमेंट जाहिर करने तक, अपनी पहचान बनाती रही है.

हमारे बचपन के घर-घर की कहानी में बार्बी कभी डॉक्टर बनी तो कभी ऑफिस जाने वाली प्रोफेशनल, कभी मॉडल बनी तो कभी फैशन डिजाइनर. अलग-अलग हेयरस्टाइल और बड़े फैशनेबल कपड़ों के साथ बार्बी डॉल ने हमेशा ही ट्रेंड सेट किया है.

एक समय था जब भारत के भी हर घर में कम से कम एक बार्बी डॉल मिलना बेहद आम हो गया था, लेकिन जैसे-जैसे बच्चों की दुनिया में तकनीक का दखल बढ़ता गया, बार्बी की सेल्स कम होने लगी.

हालांकि ये कहना गलत नहीं होगा कि बिक्री भले ही कम हो गई हो लेकिन लोगों में बार्बी का क्रेज अब भी बिल्कुल वैसा ही है. यही कारण है कि हाल ही में आई हॉलीवुड फिल्म बार्बी कमाई के मामले में पूरी दुनिया में रिकॉर्ड तोड़ रही है.

किसने दी दुनिया को बार्बी डॉल?

दुनिया को फैशनेबल खिलौना बार्बी देने वाली कंपनी का नाम मैटल है और फिलहाल यह टॉय सेक्टर में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है. वर्तमान में बार्बी बनाने वाली कंपनी का दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में कस्टमर और लगभग 42 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा टर्नओवर है.

मैटल कंपनी की कहानी

बार्बी डॉल बनाने वाली कंपनी मैटल की शुरुआत साल 1945 में हुई थी. इस कंपनी को साउथ कैलिफोर्निया में रहने वाले पति-पत्नी रूथ और इलियट हैंडलर ने शुरू किया था. दोनों कपल में एक डिजाइनर और एक इंजीनियर थे. डिजाइनर होने के कारण रूथ जहां क्रिएटिविटी पर फोकस करतीं तो वहीं उनके पति इलियट इनोवेशन पर.

इस कंपनी ने शुरुआत में पिक्चर फ्रेम बेचे. इसके बाद कंपनी ने डॉल बनाना शुरू किया और 40 के दशक में रूथ और उनके पति ने साथ मिलकर कई खिलौने बनाए.

कहां से आया बार्बी डॉल बनाने का आइडिया 

एक ऐसा खिलौना बनाना जो कि न सिर्फ औरत की तरह दिखती हो बल्कि काफी फैशनेबल भी है. ये आईडिया रूथ को अपनी बेटी को देखकर आया.

दरअसल उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया था कि रूथ को इस डॉल को बनाने की प्रेरणा अपनी बेटी से ही मिली. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी का नाम बारबरा था इसलिए उन्होंने इस डॉल का नाम भी अपनी बेटी पर ही ‘बार्बी’ रख दिया.

एक इंटरव्यू के दौरान रूथ कहती हैं, ‘मेरी बेटी को कागज़ की गुड़ियों से खेलना बहुत पसंद था. हर शनिवार मेरा परिवार एक साथ डाइम स्टोर में जाते थे, वहां भी मैंने देखा कि बारबरा बच्चों जैसी दिखने वाली गुड़िया चुनती थी और उस गुड़िया के साथ वह और उसकी सहेलियां घंटों खेलती थीं.

कुछ दिनों बाद रूथ जर्मनी की यात्रा पर गई उन्होंने वहां बिल्ड लिली गुड़िया देखी, जो एक कॉमिक स्ट्रिप पर आधारित एक वयस्क गुड़िया थी. उन्होंने सोचा की क्यों न एक ऐसी गुड़िया बनाई जाए जो व्यस्क लड़की जैसी दिखती हो. उन्होंने ये आइडिया अपने पति को बताया और अपनी बेटी बारबरा के नाम पर बार्बी नाम की एक वयस्क गुड़िया डिजाइन की.

उन्होंने कहा कि जिस वक्त मैंने बार्बी बनाने की सोची थी उस वक्त बाजार में कोई भी औरत की तरह दिखने वाली गुड़िया नहीं आई थी. मेरा बार्बी बनाने का आइडिया भी लोगों को कुछ खास दिलचस्प नहीं लगा था. उस वक्त ज्यादातर दुकानों में पुरुष थे इसलिए उन्हें लगता था कि ब्रेस्ट वाली गुड़िया कोई क्यों ही खरीदना चाहेगा.

उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि पहली बार में उनकी बेटी बारबरा को भी बार्बी पसंद नहीं आई थी. मेरी बेटी ने मुझसे पूछा था कि आपने औरत सी दिखने वाली गुड़िया क्यों बनाई.

बार्बी डॉल ने मैटल को दुनियाभर में पहचान दिलाई

9 मार्च, 1959 को अमेरिका में हुए अमेरिकन इंटरनेशनल टॉय फेस्टिवल में दुनिया ने पहली बार बार्बी डॉल को देखा. पहली ऐसी डॉल जिसने न सिर्फ फैशनेबल कपड़े पहने थे बल्कि उसके सुनहरे बाल थे और अन्य गुड़िया से हटके ये बिल्कुल असली लड़की की तरह नजर आ रही थी. बार्बी वहां मौजूद लोगों को काफी ज्यादा आकर्षित कर रही थी.

न्यूयॉर्क में दिखाए गए पहली बार्बी डॉल को सुनहरे और भूरे रंग के संस्करण में पेश किया गया था, जिसने जेबरा-प्रिंट वन-पीस स्विमसूट पहना था. इसके अलावा बार्बी को सफेद सनल्गासेज भी पहनाया गया था. इस साल मैटल ने 350,000 बार्बी की गुड़िया बेची थी.

बार्बी के मशहूर हो जाने के बाद बिल्ड लिली ने मैटल पर कॉपीराइट के उल्लंघन का मुकदमा दायर किया, लेकिन मैटल ने साल 1963 में 21,600 डॉलर देकर बिल्ड लिली से कॉपीराइट खरीद लिए.

बहन से लेकर ब्वॉयफ्रेंड तक, बार्बी का है पूरा परिवार

इस टॉय फेस्टिबल में बार्बी डॉल को सबने बेहद पसंद किया. इस डॉल की खास बात ये थी कि बच्चे तो इसे पसंद कर ही रहे थे. बड़े भी खुद को बार्बी से जोड़ कर देख पा रहे थे. धीरे-धीरे बार्बी खिलौने की दुनिया में सबसे मशहूर खिलौना बनता चला गया. अब बार्बी के कई कैरेक्टर मार्केट में आने लगें. बार्बी कभी डॉक्टर बनी तो कभी मॉडल.

साल 1961 में मैटल ने बार्बी के ब्वॉयफ्रेंड बेन को लॉन्च किया. रूथ ने बेन का नाम अपने ही बेटे केन के नाम पर रखा था. इसके बाद साल 1963 में बार्बी के बेस्ट फ्रेंड मिज को लॉन्च किया गया और एक साल बाद यानी 1964 में बार्बी की छोटी बहन स्किपर लॉन्च हुई.

बार्बी डॉल की तरह दिखने की कोशिश करने लगी लड़कियां

बार्बी सुनहरे बाल, नीली आंखे, सुडौल शरीर के साथ नजर आने वाली बेहद ही आकर्षक गुड़िया है. एक वक्त ऐसा भी आया जब बार्बी बच्चों से ज्यादा टीनएजर्स में मशहूर होने लगी. लड़कियां बार्बी जैसी दिखने के लिए सुनहरे बाल करवाने लगीं, हीलल पहनने लगीं और आंखों में नीली लेंस का इस्तेमाल करने लगीं.

लोगों ने सुंदरता का पैमाना बार्बी जैसा दिखना तय कर दिया था. आज भी हम जब कोई सुंदर लड़की देखते हैं तो ये मुंह से जरूर निकल जाता है कि बार्बी जैसी खूबसूरत दिख रही हो.

जब फेमिनिज्म जोर पकड़ रहा था तो बार्बी डॉल की हुई जमकर आलोचना 

60 के दशक में धीरे-धीरे महिलाओं ने पुरुषों के कंधे कंधा मिलाकर चलने का सफर तय करना शुरू कर दिया था. अब महिलाएं समान अधिकार की बात करने लगी थी. अपने साथ होने वाले भेदभाव पर आवाज उठाने लगी थी.

ऐसे समय में बार्बी जैसी गुड़िया की आलोचना की जाने लगी. उनका मानना था कि बार्बी बच्चियों में अपने शरीर को लेकर हीन भावना पैदा कर रही है. बार्बी बच्चियों को सिखा रही है कि कैसे उन्हें परफेक्ट फिगर का होना चाहिए.

बार्बी डॉल के गोरे रंग पर भी सवाल उठने लगे. कई महिला संगठनों ने बार्बी को सिर्फ गोरा दिखाए जाने पर आपत्ति जताई. इसके बाद बॉर्बी काले रूप में भी आई. अब तक बार्बी के कई रूप मार्केट में आ चुके थे. बार्बी को लंबे बालों के साथ देखा गया तो कभी छोटे बालों में भी पेश किया गया.

आर्मस्ट्रांग के चांद पर जाने के चार साल पहले ही बार्बी अंतरिक्ष यात्री के अवतार में आ गई थी. बार्बी के सभी रूप काफी पसंद किए गए.

टेक्नोलॉजी के कारण कम होने लगी खिलौनों की डिमांड

80 दशक के बाद जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी ने पैर पसारना शुरू किया बच्चों की दुनिया में खिलौनों की अहमियत कम होती चली गई. धीरे धीरे खिलौनों की सबसे बड़ी कंपनी मैटल के सेल्स गिरने लगे और साल 2000 के बाद तो बच्चे खिलौनों से खेलना लगभग छोड़ चुके थे.

अब बच्चे खिलौनों की जगह वीडियो गेम्स से खेलने लगे. साल 2017 में मैटल ने एक बार फिर रि-लॉन्च प्लान बनाया, जिससे बार्बी की बिक्री में सुधार तो आया, लेकिन पहले जैसा क्रेज नहीं रहा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed