उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद देहरादून की ओर से मुनि की रेती स्थित जीएमवीएन गंगा रिजॉर्ट में निरीक्षण किया। अधिकारियों ने विभिन्न राफ्टिंग कंपनियों के उपकरण और दस्तावेज आदि जांच की। इस दौरान राफ्टिंग के नए गाइडों का साक्षात्कार हुआ और पांच नई राफ्टिंग कंपनियों का चयन भी किया गया।
मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद देहरादून के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्वनी पुंडीर ने विभिन्न राफ्टिंग कंपनियों और उनके उपकरणों की जांच की। जिसमें उन्होंने राफ्ट, मेडिकल कीट, लाइफ जैकेट, पैडल, रोप आदि उपकरणों की विस्तृत जांच की। करीब 41 राफ्टिंग कंपनियों को राफ्टें बदलने के निर्देश दिए। करीब 26 राफ्टिंग कंपनियों ने स्थानांतरण कराया। कर्नल अश्वनी पुंडीर ने राफ्टिंग गाइडों को राफ्टिंग के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि राफ्टिंग के दौरान मेडिकल और सुरक्षात्मक तकनीक अत्यंत आवश्यक है।
गाइड पर ही राफ्ट के दौरान पर्यटकों की जिम्मेदारी होती है। जिसके लिए गाइड को हमेशा तैयार रहना पड़ता है। इसलिए हर प्रकार के सुरक्षात्मक अनुभव होना जरूरी है। इस दौरान गाइडों की मेडिकल जांच भी की गई। इस मौके पर जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, डाॅ. विकास घिल्डियाल, जलक्रीड़ा विशेष अनुज गुसाईं, आईटीबीपी के टेक्निकल सदस्य केवल सिंह, राफ्टिंग तकनीकी समिति सदस्य धर्मेंद्र सिंह नेगी, मंजूल रावत, विकास भंडारी आदि शामिल रहे।