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तहसीलदार विहीन हैं पिथौरागढ़ जिले की 10 तहसील

उत्तराखंड राज्य गठन से पहले पिथौरागढ़ जिले में छह तहसील पिथौरागढ़, डीडीहाट, धारचूला, मुनस्यारी, बेड़ीनाग, गंगोलीहाट थीं। राज्य गठन के बाद तत्कालीन सरकार ने छोटी प्रशासनिक इकाइयों के गठन पर जोर देते हुए गणाई गंगोली, कनालीछीना, देवलथल, बंगापानी, थल, तेजम तहसील और पांखू उपतहसील का गठन किया। राज्य गठन के बाद जिले में 12 तहसील और एक उपतहसील मिलाकर यह संख्या छह से बढ़कर 13 हो गई, लेकिन इनमें से अधिकांश तहसीलों में अब तक तहसीलदार की तैनाती नहीं हो पाई है।

इस समय जिले में पिथौरागढ़ और धारचूला को छोड़कर शेष 10 तहसील में तहसीलदार के पद रिक्त हैं। जिले में नायब तहसीलदार के 13 पद हैं और सभी पद खाली हैं। तहसीलदार और नायब तहसीलदार विहीन तहसीलों में कामकाज कानूनगो या फिर प्रशासनिक अधिकारी देख रहे हैं। नवगठित पांखू उपतहसील का भी कोई सुध लेवा नहीं है। क्षेत्र की जनता की सुविधा के लिए गठित की गई पांखू तहसील में आज तक नायब तहसीलदार की तैनाती नहीं हुई है। यहां का पूरा कामकाज थल से ही संचालित होता है।

राजस्व उपनिरीक्षकों के 44 पद रिक्त
पिथौरागढ़। जिले में राजस्व उपनिरीक्षकों के 144 पद हैं। इनमें से वर्तमान में 44 राजस्व उप निरीक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। रिक्त चल रहे राजस्व क्षेत्रों का कामकाज प्रभारियों के भरोसे चल रहा है। राजस्व उप निरीक्षकों के पद रिक्त होने से राजस्व संबंधी काम प्रभावित हो रहे हैं।

जिले में तहसीलदार के 10 और नायब तहसीलदार के 13 पद रिक्त चल रहे हैं। कामकाज प्रभावित न हो इसके लिए रजिस्ट्रार कानूनगो को जिम्मेदारी दी गई है। रिक्त सभी पदों पर तैनाती के लिए शासन को लिखा गया है।
– रीना जोशी, जिलाधिकारी, पिथौरागढ़।

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