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भारतीय वन सेवा को मिले 67 अफसर

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में बृहस्पतिवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान 2021-23 बैच के दो विदेशी प्रशिक्षु अधिकारियों सहित 67 भारतीय वन सेवा प्रशिक्षार्थियों को एसोसिएट ऑफ आईजीएनएफए डिप्लोमा दिया गया। इनमें 29 प्रशिक्षुओं ने 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर ऑनर्स डिप्लोमा प्राप्त किया। उत्तराखंड को भी एक आईएफएस मिला है। इस बार ऑफिसर्स को वानिकी और शासन की विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षित करने के साथ ही एनजीओ के साथ ट्रेनिंग भी दी गई। वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय चंद्र प्रकाश गोयल ने कहा, युवा पेशवर होने के नाते ऑफिसर्स को ध्यान रखना होगा कि उनके निर्णय देश की पर्यावरणीय नींव पर दीर्घकालिक असर डालने वाले हों। कहा, इस बार अधिकारियों को नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसयूआई) बंगलुरू से पर्यावरण विधि में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी प्रदान किया गया है। इससे वन अधिकारियों की लगातार बढ़ रही भूमिका को एक और आयाम मिलेगा। गोयल ने कहा, युवा अधिकारी महिलाओं और ग्रामीण समुदायों की भूमिका बढ़ाने के लिए काम करें।

83 वर्षों से देश की सेवा कर रही अकादमी
अकादमी के निदेशक भारत ज्योति ने कहा कि यह संस्थान पूर्व में इंडियन फॉरेस्ट कॉलेज और अब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के रूप में पिछले 83 वर्षों से देश की सेवा कर रहा है। स्वतंत्र भारत के समस्त भारतीय वन सेवा अधिकारियों और 14 मित्र राष्ट्रों के 363 वन अधिकारियों ने अब तक इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
दीक्षांत समारोह में उत्कृष्ट उपलब्धियां प्राप्त करने वाले ऑफिसर्स को पुरस्कृत किया गया। यूपी कैडर की मृदुला सिंह बैच की टॉपर रहीं। विशिष्ट अतिथि भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के महानिदेशक अरुण सिंह रावत रहे।

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