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60 फीसदी स्कूलों ने नहीं दिया बैठक से नदारद होने का जवाब

जिले के निजी स्कूल न तो शिक्षा विभाग की बैठक को गंभीरता से ले रहे हैं और न ही विभाग की ओर से जारी नोटिस को। आलम यह है कि बैठक से नदारद होने के बाद जब विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा तो स्कूल इसका जवाब तक देना उचित नहीं समझ रहे हैं। मंगलवार को जारी नोटिस का अब तक करीब 60 फीसदी स्कूलों ने जवाब नहीं दिया है। दरअसल बीते सात अगस्त को शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों के प्रधानाचार्याें और स्कूल प्रबंधन की आरटीई का अनुपालन, डेंगू की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्याें की समीक्षा बैठक ली थी। बैठक में करीब 50 फीसदी से अधिक स्कूल अनुपस्थित रहे थे। ऐसे में विभाग की ओर से 96 स्कूलों को बैठक में उपस्थित न होने पर 11 अगस्त तक स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिए थे। इसमें से सिर्फ 36 स्कूलों ने ही अपना जवाब दिया। जबकि 60 स्कूलों ने जवाब ही नहीं दिया।

विभाग की ओर से निजी स्कूलों के साथ बैठक करने का मकसद शिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर करना है। बैठक में मौजूद न होना यह स्कूलों की लापरवाही को दर्शाता है। जिन स्कूलों ने अपना जवाब नहीं दिया उन्हें फिर से नोटिस दिया जाएगा।
हेमलता गौड़, खंड शिक्षा अधिकारी

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