प्रदेश में जैविक खेती, फूड प्रोसेसिंग और वाइनरी में निवेश करेगा जर्मनी, सितंबर में होगी कार्यशाला
उत्तराखंड में जैविक खेती, कृषि और बागवानी उत्पादों पर आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट, वाइनरी के लिए जर्मनी निवेश करेगा। इसके लिए जल्द ही जर्मनी के निवेशक उत्तराखंड आएंगे। जैविक उत्पादों में निवेश की संभावनाओं को लेकर आगम सितंबर कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
बुधवार को जर्मनी के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी से मुलाकात की। इस दौरान भारत-जर्मनी के बीच औद्योगिक संबंध बढ़ाने के लिए निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने जैविक खेती, फूड प्रोसेसिंग समेत अन्य उद्योगों में सहयोग, उत्तराखंड को कृषि क्षेत्र में वैश्विक पहचान दिलाने का भरोसा दिया।
इंवेस्टर्स समिट को लेकर चर्चा
मुलाकात में जर्मनी के सांसद जुगन हाइट, स्पीकर फ्रेंज ऐवर मेऊरर, डायरेक्टर डॉ. ऐड्रिन हैक, कोर्नड ऐड्यूनर को कृषि मंत्री ने पहाड़ी टोपी और जैविक उत्पाद भेंट किए। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा,जर्मनी से आए प्रतिनिधिमंडल के साथ आगामी दिनों में उत्तराखंड में आयोजित होने वाले इंवेस्टर्स समिट को लेकर चर्चा हुई है।
मोटे अनाज मंडुवा, झंगोरा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए जर्मनी का सहयोग जरूरी है। कहा, सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड के उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले। इस मौके पर कृषि सचिव दीपेंद्र चौधरी, अपर निदेशक केसी पाठक, जैविक बोर्ड के प्रबंध निदेशक विनय कुमार, उपनल के एमडी बिग्रेडियर जेएनएस बिष्ट, भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी उपस्थित थे