अल्मोड़ा में डेंगू से बचाव के लिए जिला, बेस, रानीखेत उप जिला चिकित्सालय में बने आइसोलेशन वार्ड
अल्मोड़ा। मौसम परिवर्तन के चलते मच्छर पनपने का सिलसिला शुरू होते ही डेंगू का खतरा भी बढ़ गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की लोगों को डेंगू से सुरक्षित बचाने की तैयारी में जुट गया है। जिला, बेस और रानीखेत उप जिला चिकित्सालय में आईसोलेशन वार्ड स्थापित कर यहां मरीजों के लिए दो-दो बेड लगाए गए हैं। वहीं डेंगू की दृष्टि से संवेदनशील सोमेश्वर, भिकिसासैंण, चौखुटिया, द्वाराहाट, भैंसियाछाना में डेंगू की जांच की सुविधा उपलब्ध होगी।
पर्वतीय क्षेत्रों में भी मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। ऐसे में डेंगू का खतरा भी कम नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक डेंगू से बचाव की तैयारी पूरी कर ली है। जिला, बेस और रानीखेत उप जिला चिकित्सालय में डेंगू मरीजों को आईसोलेट किया जाएगा, जहां दो-दो मरीजों को आईसोलेट करने की व्यवस्था होगी। इससे अधिक मरीज सामने आने पर बेड बढ़ाए जाएंगे। वहीं सोमेश्वर, भिकियासैंण, चौखुटिया, द्वाराहाट और भैंसियाछाना सीएचसी में डेंगू जांच होगी। ऐसा इसलिए कि विभाग ने इन क्षेत्रों को डेंगू की दृष्टि संवेदनशील श्रेणी में रखा है। अधिकारियों के मुताबिक यहां संदिग्धों की जांच होगी और पॉजिटिव निकलने के बाद उन्हें आईसोलेट करने के लिए बेस, जिला और रानीखेत उप जिला चिकित्सालय भेजा जाएगा।
होल ब्लड चढ़ेगा, अलग से प्लेटलेट्स चढ़ाने की नहीं होगी सुविधा
अल्मोड़ा। डेंगू पॉजिटिव मरीजों को यदि प्लेटलेट्स की जरूरत होगी तो उन्हें इसकी पूर्ति के लिए होल ब्लड चढ़ेगा। ऐसा इसलिए कि जिले में किसी भी अस्पताल में ब्लड सेप्रेशन की व्यवस्था नहीं है। रक्त से प्लेटलेट्स अलग नहीं किए जा सकते। ऐसे में उनकी जान बचाने के लिए होल ब्लड चढ़ाना ही एकमात्र विकल्प विभाग के पास होगा। स
ब्लड सेप्रेशन मशीन की भेजी गई है डिमांड
अल्मोड़ा। अधिकारियों के मुताबिक जिले के किसी भी अस्पताल में अब तक ब्लड सेप्रेशन मशीन स्थापित नहीं हो सकी है। इसकी जरूरत को समझते हुए मांग भेजी गई है। यदि जिले में यह मशीन उपलब्ध होगी तो डेंगू के साथ ही अन्य मरीजों को इसका लाभ मिलेगा। लेकिन यह कब तक उपलब्ध होगी, इसका स्पष्ट जवाब अधिकारियों के पास नहीं है।
मच्छरों के काटने के बाद तेज बुखार आना, आंखों में दर्द, सिरदर्द, शरीर में लाल चकत्ते।
बचाव के तरीके
शरीर के अंगों को ढकना, लक्षण दिखने पर जांच करवाना, घर के आसपास मच्छरों को पनपने से रोकना।
कोट-
डेंगू से बचाव के लिए जिला, बेस और रानीखेत उपजिला चिकित्सालय में आईसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। विभाग इससे बचाव के लिए पूरी तरह तैयार है। – डॉ. आरसी पंत, सीएमओ, अल्मोड़ा।