विज्ञान और काॅमर्स की पढ़ाई के लिए लगानी पड़ रही है 35 किमी की दौड़
लमगड़ा (अल्मोड़ा)। लमगड़ा महाविद्यालय में 10 साल बाद भी बीकॉम, बीएससी, एमए, एमकॉम, एमएससी कक्षाओं के संचालन के लिए स्वीकृति नहीं मिल सकी है। इसकी मार विद्यार्थी झेल रहे हैं। विज्ञान और वाणिज्य की पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राएं 35 किमी दूर जिला मुख्यालय या फिर 100 किमी दूर हल्द्वानी जाने के मजबूर हैं। वहीं दूर जाने में असमर्थ छात्र-छात्राओं को या तो पढ़ाई छोड़नी पड़ रही है या फिर कला विषय पढ़ना पड़ रहा है।
उच्चशिक्षा विभाग ने लमगड़ा में वर्ष 2014 में महाविद्यालय की स्थापना की थी जिसमें सिर्फ कला संकाय का ही शुरू किया गया था। 10 साल के लंबे इंतजार के बाद भी महाविद्यालय में बीकॉम, बीएससी, एमए, एमकॉम, एमएससी पाठ्यक्रम के संचालन के लिए स्वीकृति नहीं मिल सकी है जबकि क्षेत्र के विद्यार्थी और अभिभावक इसकी लगातार मांग कर रहे हैं। ऐसे में इंटर के बाद विज्ञान और वाणिज्य की पढ़ाई करने के लिए क्षेत्र के विद्यार्थियों को 35 किमी दूर जिला मुख्यालय या फिर 100 किमी दूर हल्द्वानी की दौड़ लगानी पड़ रही है। क्षेत्र में कई ऐसे विद्यार्थी हैं जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने से उनके लिए अल्मोड़ा, और हल्द्वानी में किराए पर रह पाना मुमकिन नहीं है। ऐसे में वे कला वर्ग की पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं।
महाविद्यालय में बीए की कक्षाएं संचालित हो रही हैं। विज्ञान और वाणिज्य विषयों की स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
डॉ. साधना पंत, प्रभारी प्राचार्य, लमगड़ा महाविद्यालय