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सीएम धामी बोले- समिट से प्रदेश में 2.5 लाख करोड़ के निवेश लाने का लक्ष्य

ख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, दिसंबर में प्रस्तावित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए प्रदेश सरकार ने 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। इसे हासिल करने के लिए समिट से पहले लगभग 25 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे पहाड़ों में रोजगार के साधन बढ़ने से पलायन भी रुकेगा बृहस्पतिवार को सुभाष रोड स्थित एक होटल में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट को लेकर मुख्यमंत्री सलाहकार समूह बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा, राज्य में उद्योग लगाने वाले के लिए कई विभागों से अनुमति की फाइल रुकेगी नहीं। कहा, निवेशकों को सभी अनुमतियां देने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाएगी।कहा, राज्य में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है। सरकार निवेशकों को हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रही है। बैठक में राज्य में औद्योगिक निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने, राज्य की आर्थिकी में वृद्धि के लिए कार्य योजनाओं पर चर्चा की गई। राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए और क्या बेहतर प्रयास किए जा सकते हैं, इसके लिए औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों से सुझाव लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए निवेशकों के सुझाव को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई करें। बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा मौजूद थे।

इस मौके पर मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर मीनाक्षी सुदंरम, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, पतंजलि से आचार्य बालकृष्ण, उत्तराखंड पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के सुभाष त्यागी मौजूद रहे।

इनके अलावा आईआईएम काशीपुर से प्रो. कुलभूषण बलूनी, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत, ग्राफिक एरा के चेयरमैन कमल घनशाला, हिमालयन इंस्टीट्यूट के विजय धस्माना, अनिल गोयल, डॉ. एस फारूक, मुकुंद प्रसाद, पंकज गुप्ता एवं औद्योगिक जगत से जुड़े न्य प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

सीएम ने कहा, उत्तराखंड में निवेश के लिए शांति व्यवस्था के साथ ही बेहतर मानव संसाधन भी उपलब्ध हैं। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि उन्हें जिन-जिन क्षेत्रों में दक्ष मानव संसाधन की जरूरत है, वह बताई जाए। सरकार की ओर से ऐसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्थाएं की जाएगी। प्रदेश में सड़क, रेल, हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हुआ है।

सीएम ने कहा, शीघ्र ही अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का काम शुरू होने वाला है। इस कॉरिडोर के बनने से उद्योगों को सुविधा मिलेगी। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में इंटीग्रेटेड कंटेनर डिपो स्थापित किया गया है। सरकार ने लॉजिस्टिक्स नीति लागू की है। इससे आधारभूत ढांचे के विकास में मदद मिलेगी।
इंवेस्टर्स समिट को लेकर निवेशकों ने कई सुझाव दिए, जिसमें निवेश के लिए लैंडबैंक बनाने, जड़ी-बूटी की खेती को बढ़ावा देने, राज्य में संचालित उद्योगों का सर्वे करने, उत्तराखंड में रिसर्च सेंटर बनाने, चिंतन व आध्यात्म के रूप में राज्य में निवेश की योजना पर काम करने का सुझाव दिए।

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