खरीफ विपणन सत्र 2022-23 से धान और रबी विपणन सत्र 2023-24 से गेहूूं की खरीद की जिम्मेदारी सहकारिता विभाग से हटाकर उत्तराखंड राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड को दे दी गई है। इससे गेहूं व धान की खरीद पर सहकारिता विभाग को प्रति क्विंटल 20 रुपये कमीशन से होने वाली आय बंद हो गई है। अब सहकारिता विभाग की आय बढ़ाने के लिए अन्न भंडारण योजना के तहत गेहूं और धान का भंडारण के लिए गोदाम खोले जा रहे हैं। इन गोदामों में भारतीय खाद्य निगम, किसान, आढ़ती, धान मिल मालिक भी धान और गेहूं का भंडारण कर सकते हैं। इसके एवज में उन्हें सहकारिता विभाग को किराया चुकाना होगा।
गोदामों की अनाज भंडारण की क्षमता 500 से 1000 मीट्रिक टन होगी। ऊधम सिंह नगर में सहकारिता विभाग जसपुर में सहकारी समिति की खाली पड़ी भूमि पर गोदाम खोलने जा रहा है। इसके अलावा सितारगंज के शक्तिफार्म क्षेत्र में गोदाम के लिए सरकारी जमीन चयनित की है। जिला सहायक निबंध की ओर से डीएम को पत्र लिखकर उक्त जमीन को सहकारिता विभाग के नाम करने की मांग की गई। जिले में अन्य स्थानों में गोदामों के लिए जमीन की खोज की जा रही है।
उत्तराखंड राज्य भंडारण निगम के भी राज्य में 14 गोदाम चल रहे हैं, जो कि हल्द्वानी मंडी समिति,कमलुवागांजा, अल्मोड़ा, हरिद्वार, विकासनगर, नकरौदा, रुद्रपुर, किच्छा, सितारगंज, नानकमत्ता, काशीपुर, गूलरभोज व काशीपुर में खोले गए हैं। इन गोदाम में पर्याप्त स्थान न होने के कारण सहकारिता विभाग के गोदामों में अनाज का भंडारण करने में सुविधा होगी।
सहकारिता विभाग के अधीन संचालित बहुउदेश्यीय सहकारी समितियां अब धान-गेहूं की खरीद नहीं कर रही हैं। सिर्फ क्रय-विक्रय समितियां ही खरीद करेंगी। लेकिन इनकी संख्या बेहद कम है। गोदाम खुलने से सहकारिता विभाग की आय बढ़ेगी। गोदामों में अनाज सुरक्षित रहेगा। किसान या व्यापारी अनाज का मूल्य बढ़ने पर गोदाम में रखे अनाज को बेचकर लाभ कमा सकते हैं। -डॉ. बीएस मनराल, जिला सहायक निबंधक