कैबिनेट के इस फैसले से प्रदेश में ऐसे होगी पार्किंग की समस्या खत्म, बनाया ये प्लान
प्रदेश में पार्किंग की समस्या को खत्म करने के लिए अब सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों में छुट्टी के बाद इनकी खाली जगह इस्तेमाल आम जनता कर सकेगी। प्रदेश में पहली बार सरकार ने इसकी नियमावली को मंजूरी दी है। इसके अमल की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित समिति की होगी। भीड़भाड़ वाले शहरों, पर्यटन स्थलों में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की होती है। इन जगहों पर तमाम ऐसे सरकारी प्रतिष्ठान हैं, जिनकी पार्किंग छुट्टी के बाद खाली हो जाती हैं। इसी प्रकार, इनके ऑडिटोरियम, खेल के मैदान भी आधे दिन खाली रहते हैं। लिहाजा, सरकार ने तय किया है कि इनका इस्तेमाल प्राइवेट लोगों के लिए किया जा सकता है। इनकी सुविधाओं का वह उपयोग करेंगे, जिसके बदले में शुल्क देंगे। साथ ही पार्किंग का शुल्क अलग से लिया जाएगा। कैबिनेट ब्रीफिंग में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि किसी सरकारी परिसर में किसी सुविधा का कितना और कैसे इस्तेमाल होगा, इसका निर्णय डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। उस कार्यालय परिसर की सुविधा को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी विभाग के कर्मचारियों या बाहरी ठेकेदारों को भी दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि चूंकि प्रदेश में सभी जगहों पर अलग-अलग परिस्थितियां होती हैं इसलिए उसी हिसाब से निर्णय लिया जाएगा।इन सुविधाओं से जो भी कमाई होगी, उसका आधा हिस्सा तो सरकार के राजस्व में जमा होगा जबकि आधा हिस्सा उस संस्थान को मिलेगा। ताकि उसके मेंटिनेंस आदि को बरकरार रखा जा सके। डॉ. संधू ने बताया कि इसमें अति सुरक्षित विधानसभा, सचिवालय, राजभवन जैसे सरकारी परिसर शामिल नहीं होंगे।