54 साल के हुए चार विश्व कप खेलने वाले इकलौते भारतीय तेज गेंदबाज, 150 की गति से करते थे गेंद
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ 54 साल के हो चुके हैं। 2003 में क्रिकेट को पूरी तरह से अलविदा कहने के बाद वह आईसीसी मैच रेफरी के रूप में काम कर रहे हैं। भारतीय क्रिकेट में बल्लेबाज ज्यादा बड़े स्टार होते हैं और अक्सर उनकी बल्लेबाजी के चर्चे होते हैं, लेकिन श्रीनाथ उन गेंदबाजों में से एक हैं, जिनके खेल के चर्चे आज भी होते हैं और हर भारतीय उनके दशकों पुराने स्पेल पर नाज करता है। श्रीनाथ अब आईसीसी मैच रेफरी के रूप में काम करते हैं। श्रीनाथ का जन्म 31 अगस्त 1969 को कर्नाटक के मैसूर में हुआ था। वह लंबे कद के थे और (हाई आर्म एक्शन) ऊंचाई से गेंद फेंकने की वजह से बेहद प्रभावी गेंदबाज थे। 90 के दशक में वह 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद करते थे और लाइन लेंथ बेहद सटीक होती थी। उनके गेंदबाजी एक्शन की वजह से उन्हें अतिरिक्त उछाल भी मिलता था। इसी वजह से वह लगातार विकेट लेने में माहिर थे और हर कप्तान के चहेते गेंदबाज हुआ करते थे। उन्होंने 296 मुकाबलों में 551 विकेट लिए। श्रीनाथ भारत के लिए सबसे ज्यादा वनडे विश्व कप खेलने वाले भारतीय तेज गेंदबाज हैं। उन्होंने 1992, 1996, 1999 और 2003 विश्व कप में भाग लिया। हालांकि, उनके चौथे विश्व कप खेलने की कहानी काफी मजेदार है। श्रीनाथ ने 2002 में ही क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया था, लेकिन भारतीय कप्तान सौरव गांगुली चाहते थे कि वह 2003 विश्व कप खेलें। उनके कहने पर श्रीनाथ ने संन्यास से वापसी की और 2003 विश्व कप खेले। कप्तान के फैसले को सही साबित करते हुए श्रीनाथ ने 23.06 की औसत से 16 विकेट लिए। उनका इकोनॉमी रेट भी 4.04 का था। वह टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे और भारत को फाइनल में पहुंचाने में भी उनका अहम योगदान था। कुंबले के 10 विकेट पूरे कराए
अनिल कुंबले भारत के लिए एक पारी में 10 विकेट लेने वाले एकमात्र गेंदबाज हैं। हालांकि, उनकी यह उपलब्धि श्रीनाथ के सहयोग के बिना पूरी नहीं हो पाती। पाकिस्तान के खिलाफ कुंबले ने जब आठ विकेट ले लिए थे, तब भारतीय कप्तान अजहरुद्दीन ने श्रीनाथ से कहा था कि विकेट लेने की कोशिश न करें और स्टंप से दूर गेंदबाजी करें। इससे कुंबले के 10 विकेट लेने की संभावना बढ़ जाएगी। श्रीनाथ ने कप्तान की बात मानी और अपने ओवर में ऐसी गेंदबाजी की, जिससे बल्लेबाज को गेंद खेलने की जरूरत ही नहीं पड़ी। कुंबले ने इसका फायदा उठाया और एक पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने।
क्रिकेट से संन्यास के बाद श्रीनाथ मैच रेफरी के रूप में आईसीसी को अपनी सेवाएं दे रहे हैं।