नगर पालिका मुनि की रेती एक बार फिर स्वच्छता रैंकिंग में नंबर वन की दौड़ में शामिल हो गई है। सर्वे के फीड बैक चरण में पालिका पूरे प्रदेश में नंबर वन पर आई है। अलग-अलग सर्वे के बाद जल्द ही ओवरऑल रैकिंग का रिजल्ट जारी किया जाएगा।
वर्ष 1997 तक मुनि की रेती क्षेत्र की गिनती टाउन एरिया में होती थी। वर्ष 1998 में इसे नगर पंचायत का दर्जा दिया गया। करीब 16 साल बाद नगर पंचायत को उच्चीकृत कर नगर पालिका का दर्जा मिला। तब इसे ग्रेड-2 की नगर पालिकाओं में शामिल किया गया था। नगर पालिका के अधिकारियों ने बताया कि जब उच्चीकृत होकर नगर पालिका बनी थी तक इसकी प्रति वर्ष आय 60 से 70 लाख रुपये थी। अब यह बढ़कर तीन से चार करोड़ पहुंच गई है।
नगर पालिका मुनि की रेती को वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक लगातार चार बार स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में प्रदेश भर में प्रथम स्थान मिला। वर्ष 2021-22 में पालिका को पूरे देश की स्वच्छता रैंकिंग में पांचवां स्थान मिला था। अब एक बार फिर स्वच्छता रैंकिंग में प्रदेश भर में पहले स्थान की दौड़ में शामिल है। पालिका के अधिकारियों ने बताया कि रैंकिंग सर्वे के फीडबैक चरण में पालिका पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर आई है। फीड बैक चरण में सर्वे टीम पालिका क्षेत्र के लोगों से पालिका की ओर से दी जाने वाली सेवाओं पर फीड बैक लेते हैं।
स्वच्छता रैंकिंग के फीड बैक चरण की सर्वे में पालिका को पूरे प्रदेश में पहला स्थान मिला है। जिससे हमारी उम्मीदें बढ़ गई हैं। पूर्व में पालिका को स्वच्छता रैंकिंग में चार बार लगातार पहला स्थान मिला है। – तनवीर सिंह मारवाह, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका मुनि की रेती