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एम्स के चिकित्सकों ने मरीज की बिना ओपन हार्ट सर्जरी बदले वाॅल्व

एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने बिना ओपन हार्ट सर्जरी किए मरीज का वाॅल्व बदलने में सफलता हासिल की है। मरीज के हृदय के वाॅल्व खराब थे। समय पर इलाज नहीं होने से फेफड़ों में पानी भरने और गुर्दे खराब होने से पेशाब में परेशानी थी। कार्डियोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने बिना ओपन हार्ट सर्जरी के माध्यम से रोगी के हृदय के वाॅल्व बदलकर उसे नया जीवन दिया है।

उत्तरप्रदेश के पीलीभीत निवासी विभुरंजन पाल पिछले दस महीनों से दिल की बीमारी सहित विभिन्न जटिल रोगों से ग्रसित थे। हृदय के वाॅल्व खराब होने से एक वाॅल्व सिकुड़ गया था। हृदय की कार्य क्षमता घटकर महज 20 प्रतिशत ही रह गई थी। विभुरंजन पाल 10 अगस्त को कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ सर्जन प्रो. भानु दुग्गल की ओपीडी में पहुंचे। प्रो भानु दुग्गल ने बताया कि मरीज हाई रिस्क में था। बाईपास सर्जरी नहीं की जा सकती थी। मरीज की आवश्यक जांचें कराने के बाद बिना ओपन हार्ट सर्जरी के माध्यम से हार्ट में वाॅल्व रिप्लेसमेंट कराने की सलाह दी गई।

रोगी के गुर्दे भी खराब हो चुके थे। फेफड़ों में पानी भरने से सांस फूल रही थी। दिल अपने आकार से ज्यादा फैल गया था। 20 अगस्त को उसके हार्ट के दो वाॅल्व सफलतापूर्वक रिप्लेसमेंट कर दिए गए। जटिल तरीके से की गई इस प्रक्रिया में भारत में निर्मित स्वदेशी वाॅल्वों का उपयोग किया गया है। डॉ. भानु ने बताया कि वाॅल्व रिप्लेसमेंट के बाद पहले दिन ही रोगी का गुर्दा सही ढंग से कार्य करने लगा। टीम में डाॅ. योगेश चंद, डाॅ. विजय, डाॅ. अनिरुद्ध आदि मौजूद रहे।

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