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अच्छी परफोरमेंस देने वाले 63 पुलिस कर्मियों को एसएसपी अजय सिंह ने किया सम्मानित

हरिद्वार। एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने पुलिस कार्यालय स्थित कान्फ्रेंस हॉल में अधिकारी/कर्मचारीगण का मासिक सम्मेलन एवं क्राइम मिटिंग का आयोजन किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा सर्वप्रथम आयोजित सैनिक सम्मेलन में विगत माह फील्ड में अच्छा कार्य करने पर जनपद के 63 पुलिस अधिकारी/कर्मचारीगण को प्रशस्ति पत्र व पुरुस्कार देकर सम्मानित किया।
अवसर पर कर्मचारी से वार्तालाप करते हुए अजय सिंह ने कहा कि हर नए दिन के साथ पुलिस विभाग के सामने आ रही गंभीर चुनौतियां के कारण कोई भी खुद को एक्सपर्ट नहीं कह सकता है लेकिन सीखने की काबिलियत और ललक ही हमें अन्य से बेहतर बना सकती है। हमें एक साथ मिलकर भयमुक्त समाज के निर्माण में अपनी 100% सहभागिता देनी है। बेशक जिन्हें ईनाम नहीं मिल पाया है वह सब भी मेहनती हैं लेकिन चयनित पुलिस कर्मियों द्वारा बेहतर प्रदर्शन किया गया है। मैं यही चाहता हूं कि मेरे मातहतों के बीच अच्छा कार्य करने के सम्बन्ध में कम्पिटिशन हो। सभी थाना प्रभारी कर्मचारियों से ड्यूटी लेने के साथ-साथ उनके वेलफेयर को भी अपनी प्राथमिकता बनाएं। किसी कर्मचारी की कोई समस्या है तो उसे अपने स्तर पर या उच्च अधिकारी स्तर पर भलीभांती सुनकर निस्तारित किया जाए। जिस प्रकार से आम जनता की समस्या होती है उसी प्रकार से पुलिस कर्मचारियों की समस्या होती है। विभागिय अभिभावक होने के नाते उन समस्याओं का समाधान करना भी हमारी जिम्मेदारी है। कर्तव्य के दौरान लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के बारे में भी प्रभारी को पूरी जानकारी होनी चाहिए। पद के मुताबिक सभी से काम लिया जाए। जनपद में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए समस्त थाना प्रभारी अपने-अपने थाना क्षेत्र में यातायात पुलिस से समन्वय स्थापित कर यातायात व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें। काम करके ही सीखा जाता है इसलिए थाना प्रभारी नियुक्त कर्मचारियों को अलग-अलग टास्क दें और ड्यूटी में भी नियमित अवधि में फेरबदल करें। थाना क्षेत्र में प्वाइंट बदल-बदलकर शाम के समय आकस्मिक चेकिंग की जाए। ऐसी कार्यवाही अपराधियों में भय उत्पन्न कर अपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए विशेष प्रभावी होती हैं। बॉर्डर पर समय-समय पर आकस्मिक चेकिंग करायी जाए ताकी बाहरी राज्यों क आपराधिक तत्वों को यहां प्रवेश करने से पहले सोचना पड़े। समस्त क्षेत्राधिकारी और थाना प्रभारी अपने-अपने कार्यालय में पब्लिक को अटेंड करें और उनकी समस्याओं को सुने। कई बार टालने या नजरअंदाज करने के कारण यही छोटी समस्याएं बड़ी-बड़ी घटनाओं का रूप ले लेती हैं। समय रहते हुए उनका समाधान निकाला जाए अन्यथा जनता इधर भटकती रहती है। ये थाना प्रभारी की जानकारी में होना चाहिए कि थाने पर कौन पब्लिक आ रही है। साइबर फ्रॉड के मामलों में पीड़ित को सही राय देते हुए प्राथमिकता के आधार पर उनकी मदद की जाए। साईबर फ्रॉड के मामलों में अपराधी तक पहुंचने एवं हुए नुकसान की भरपाई में त्वरित कार्यवाही बेहद कारगर साबित होती है। जो भी शिकायती प्रकरण थाना अथवा क्षेत्राधिकारी कार्यालय स्तर पर प्राप्त हो रहे हैं उनको गुण दोष के आधार पर समय से निस्तारित करते हुए रिपोर्ट संबंधित को भेजी जाए। क्षेत्राधिकारी सुनिश्चित करें कि थाना स्तर पर निर्धारित समयावधि के भीतर ओआर लिए जाएं एवं लम्बित प्रकरणों को गुण-दोष के आधार पर निस्तारित किया जाए। मुख्यालय स्तर पर चलाए जा रहे “ऑपरेशन प्रहार” में जनपद पुलिस द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। हमें आपसी समन्वय बनाकर इस ग्राफ को और अधिक बेहतर बनाना है। महिला सम्बन्धी अपराधों में महिला विवेचकों द्वारा महिला पीड़ितों के साथ सही व्यवहार करते हुए पीड़िता को समय से न्याय दिलाया जाए। ग्राम चौकिदारों को एक्टिव करें ताकी थाना क्षेत्र में स्थित किसी भी गांव में शांति व्यवस्था प्रभावित होने या किसी प्रकार की अफवाह उड़ने पर समय रहते उसका निस्तारण कर शांति व्यवस्था कायम रखी जाए। सभी थाना प्रभारी अपने थाना क्षेत्र के ग्राम चौकिदारों के साथ प्रतिमाह मीटिंग आयोजित कर फीडबैक लें। पिछले कुछ समय में हुए अपराधों में नशा भी एक महत्वपूर्ण कारण रहा है। इन नशा सामग्री को समाज में बंटने से पहले जब्त करने और नशा तस्करों को सलाखों के पीछे भेजने के लिए जनता का सहयोग लेना परमावश्यक है। भावनात्मक रूप से उनके करीब जाएं ताकी आमजन बिना झिझक पुलिस का सहयोग कर पाए। सीओ ट्रैफिक एक्सीडेन्टल केस पर अपना विशेष फोकस करते हुए लगातार उनका पर्यवेक्षण करें साथ ही थाना प्रभारियों का उचित मार्गदर्शन करते हुए प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करें।

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