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देश के दिल में बारिश का कहर

मध्यप्रदेश के कई जिलों में जारी बारिश अब मुसीबत का सबब बन गई है। बड़वानी और इंदौर जिले में लगातार बारिश से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए विद्यार्थियों की छुट्टी कर दी है।मध्यप्रदेश के कई जिलों में शुक्रवार को हुई भारी बारिश के चलते नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सुरक्षा को देखते हुए इंदौर खंडवा राजमार्ग मोरटक्का पुल (ओंकारेश्वर रोड़) से आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।ताप्ती नदी का जलस्तर अचानक बढ़ा गया है । जिले में लगातार बारिश व बैतूल के बांध से पानी छोड़े जाने के बाद ताप्ती नदी खतरे के निशान से आठ मीटर ऊपर बह रही है। ताप्ती नदी 220 खतरे के निशान से आठ मीटर ऊपर बह रही है।  ताप्ती नदी में बाढ़ से सभी घाट, पिपलघाट, राजघाट, सतियारा घाट हुए जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ का पानी निचली बस्तियों के लोगों के घरों में घुस रहा है। निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों के घरों में जिला प्रशासन अन्य जगह भेजने में जुट गया है।
जिला प्रशासन ने होमगार्ड सहित पुलिस प्रशासन, निगम प्रशासन व राजस्व विभाग को मौके पर भेजा गया है। बैतूल और अन्य क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते जलस्तर बढ़ा गया है। इसको लेकर जिला प्रशासन अलर्ट हो चुका है। नदी के सभी तटों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और होमगार्ड के जवान नजर बनाए हुए हैं। ताप्ती नदी के सभी घाट डूब चुके हैं। लोगों ने पहली बार बाढ़ का पानी आने के बाद ताप्ती नदी की पूजा अर्चना भी की है।इंदौर में शुक्रवार शाम चार बजे से हुई बारिश ने शहर के कई हिस्सों को जलमग्न कर दिया है। एक दिन में हुई छह इंच से ज्यादा बारिश से कई बस्तियों में पानी भर चुका है। शहरवासियों ने सितंबर माह में इतनी बारिश इससे पहले कभी नहीं देखी। वर्षों बाद इतनी बारिश सितंबर माह में हो रही है। इंदौर में इससे पहले 1962 में छह इंच बारिश हुई थी। 61 साल बाद शहर में छह इंच से ज्यादा बारिश हुई है। बंगाल की खाड़ी पर बने कम दबाव के क्षेत्र और अरब सागर से आ रही नमी के कारण इंदौर में तेज बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन भी शहर में तेज बारिश होगी।उज्जैन में शुक्रवार रात से लगातार जारी तेज बारिश के कारण शहर की प्यास बुझाने वाले गंभीर डेम के पांच गेट खोलने पड़े हैं। नगर निगम के पीएचई इंजीनियर राजीव शुक्ला ने बताया कि गंभीर डेम के लेवल को मैंटेन करने के लिए देर रात से पांच गेट खोले गए हैं।

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