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नर्सिंग स्टाफ का मरीजों-तीमारदारों के साथ अच्छा व्यवहार जरूरी

एम्स के कॉलेज ऑफ नर्सिंग में बीएससी ऑनर्स एवं एमएससी नर्सिंग के विद्यार्थियों का ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें वक्ताओं ने नर्सिंग को मरीज से गहरा जुड़ाव वाला क्षेत्र बताया। कहा कि नर्सेस अपनी व्यवहार कुशलता एवं अच्छे नर्सिंग केयर से मरीज और तीमारदारों में अपना श्रेष्ठ स्थान बना सकते हैं। शुक्रवार को कॉलेज ऑफ नर्सिंग में आयोजित बीएससी ऑनर्स एवं एमएससी नर्सिंग-2023 बैच के ओरिएंटेशन कार्यक्रम का एम्स संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह व संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने शुभारंभ किया। प्रो. मीनू सिंह ने नवागंतुक विद्यार्थियों से कहा कि यह उनके कॅरियर की शुरुआत है। लिहाजा विद्यार्थियों को इंस्टीट्यूट में उन्हें उपलब्ध कराए जा रहे संसाधनों को सीखने और भविष्य के लिए उपयोग में लाना चाहिए। जिससे विद्यार्थी संस्थान में उपलब्ध सुविधाओं से बेहतर लर्निंग कर भविष्य में अपनी दक्षता से दुनिया को रूबरू करा सकेंगे।  डीन अकादमी प्रो. जया चतुर्वेदी ने नर्सिंग विद्यार्थियों को ए, बी, सी से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि नर्सिंग क्षेत्र में कार्यरत लोगों में अपने कार्य के बेहतर प्रदर्शन के लिए एबिलेबलिटी, बिहेवियर और केयर एंड कम्पेशन का होना जरूरी है। इसलिए नर्सिंग पेशेवर को मरीज के लिए हर समय उपलब्धता और रोगियों के प्रति व्यवहार कुशल होना आवश्यक है। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव मित्तल ने कहा कि हेल्थ केयर सेंटर में नर्सेस की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। क्योंकि नर्सेस ही मरीज के साथ सर्वाधिक समय तक रहते हैं। ऐसे में नर्सेस मरीज की केयर व अच्छे व्यवहार में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस मौके पर नर्सिंग प्रिंसिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा, फिजियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. लतिका मोहन, चीफ नर्सिंग ऑफिसर रीटा शर्मा, डॉ. गीतांजलि खोरवाल, डॉ. अश्विनी महाधूले, श्रीकांता शर्मा, डॉ. राखी मिश्रा, डॉ. जैवियर वैल्सियाल आदि मौजूद रहे।

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