श्रीमद्भागवत कथा में वामन अवतार के साथ राधा जन्मोत्सव की मची धूम
आगरा। गणेश पण्डाल खेमेश्वर नाथ महादेव मंदिर तोता का ताल लोहा मंडी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन राधा अष्टमी के सुंदर योग में कथा का रसपान करने के लिए हजारों की संख्या में भक्तगण उमड़े। कथा के चौथे दिन कथा प्रवक्ता पं. गरिमा किशोरी ने वामन अवतार कथा का सार बताया। साथ ही श्री रामजन्मोत्सव, श्री रामकथा, श्री कृष्ण जन्मोत्सव का वर्णन भी किया गया। सभी भक्तो ने राधा रानी जी का प्राकट्य उत्सव बड़ी ही धूम से मनाया। राधा रानी को बैंड बाजो के साथ सुंदर सी पोशाक धारण किये हुए कथा पंडाल तक ले गए।
व्यासपीठ से पूज्या पं. गरिमा किशोरी ने कहा कि “श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का क्षय हो जाता है। हमें भागवत कथा सुनने के साथ साथ उसकी शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए।” उन्होंने बताया कि “वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह धन संपदा क्षण भंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करों।” उन्होंने बताया कि “अहंकार, गर्व, घृणा और ईषर्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।”वामन अवतार की कथा के सार के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जन्मोत्सव व श्रीरामकथा का वर्णन करते हुए गरिमा किशोरी जी ने कहा कि “श्री राम जी त्याग, आदर्श व कर्तव्यनिष्ठ थे। वे नम्र ,सरल व महान व्यक्तित्व के धनी थे। उनका जीवन से हमें हमेशा आदर्शों पर चलते हुए जीवन को महान बनाने की प्रेरणा देती है।” अंत मे श्री कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान मधुर संगीत में हजारों की संख्या में भक्त झूमते नजर आए। साथ ही आरती व प्रसादी वितरण के साथ चौथे दिन की कथा का समापन हुआ।
इस दौरान माता बहन सखियाँ बनकर आयी अंत में सभी ने डांडिया नृत्य किया। कथा के चतुर्थ दिवस में संकट मोचन मंदिर सदर के महंत कार्ष्णि सुरेंद्र प्रकाश भारद्वाज ने आशीर्वचन देकर सभी को अनुग्रहीत किया।इस अवसर पर परीक्षित अजय सुनीता माहौर, गुरुजी सुरेंद्र भारद्वाज, विद्या सागर तिवारी, अवधेश शास्त्री, समाजसेवी श्याम भोजवानी, शरद चौहान, विक्रांत कुशवाह, जयप्रकाश धर्माणी, अमरलाल खोरेजा, गुरदासमल, वीरू सैनी, लालाराम माहौर, सोनू, मनोज, शंकर लाल माहौर, योगेश कुमार, रवि, राहुल, विजय कुमार, नेहा, कोमल, दीपा, गुड़िया, सिया, प्रदीप वनवारी आदि मौजूद रहे।