Fri. Nov 22nd, 2024

रवि शंकर ठाकुर: पोकर की दुनिया में नाम कमाया,पोकरबाज़ी का 1000 X टूर्नामेंट जीता

मुबंई। 25 सितंबर, 2023: पोकर के शौकीन दरभंगा बिहार के रहने वाले 20 वर्षीय रवि शंकर ठाकुर ने, पोकरबाज़ी के 1000X टूर्नामेंट में जीत हासिल की है। रवि ने इस टूर्नामेंट में 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार जीता है।

रवि अपनी इस जीत का श्रेय अपनी लगन को देते हैं जिसने उन्हें पोकर में बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। वे साल 2019 से सक्रियता से पोकरबाज़ी प्लेटफॉर्म पर खेल रहे हैं। साथ ही उन्होंने “नाइट स्प्रिट” और “आफ्टरनून बूस्ट”, टूर्नामेंट में भी जीत हासिल की है। उनका मानना है कि पोकर उनके अंदर धैर्य और अनुशासन लेकर आया तथा इस गेम में शामिल खतरे को पहचानने की उनकी क्षमता को कई गुना बढ़ाया है।

पोकरबाज़ी के 1000X टूर्नामेंट में अपनी जीत पर, रवि शंकर ठाकुर कहते हैं, “मेरे लिए पोकर एक मौका है, जिससे मुझे अपनी रणनीति तैयार करने में मदद मिली है। मेरा पक्का विश्वास है कि इससे मुझे 1000X टूर्नामेंट में जीत हासिल करने में मदद मिली। पोकर टेबल से मैंने जो सीखा, वह अद्भुत है और उसका असर जिंदगी के मेरे फैसलों पर भी साफ झलकता है। मैं इस तरह के टूर्नामेंट आयोजित करने को लेकर पोकरबाज़ी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिसने मेरे जैसे खिलाड़ियों को अपनी क्षमताओं को लगातार निखारने का मौका दिया। यह लगातार सीखने की परंपरा को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है।“

साल 2019 से ही रवि पोकरबाज़ी में सक्रियता से हिस्सा लेते आए हैं। अपने शानदार प्रदर्शन से उन्होंने ना केवल पोकर खेलने की अपनी खूबियों को दर्शाया है, बल्कि इस प्रचलित धारणा को भी तोड़ने का काम किया है कि पोकर केवल किस्मत का खेल है।

रवि की जीत पर उन्हें बधाई देते हुए, नवकिरण सिंह, सीईओ एवं को-फाउंडर, बाज़ी गेम्स कहते हैं, “रवि का यह सफर इस बात का सबूत है कि कैसे पोकर सिर्फ किस्मत का नहीं, बल्कि कौशल का खेल है। जिस तरह हम इस जीत का जश्‍न मना रहे हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में लोगों को समझ आ जाएगा कि यह कौशल का खेल है और खिलाड़ियों को लगातार प्रैक्टिस करने के लिए प्रेरित करेंगे, साथ ही भारतीय पोकर के क्षेत्र में ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए उनका हौसला बढ़ाएंगे।

अभी पंजाब के संगरूर में रह रहे, रवि शंकर ठाकुर अपनी उच्‍च शिक्षा पूरी करते हुए, पोकर में भी हाथ आजमा रहे हैं। रवि अपने बहनोई को पोकर के इस सफर की प्रेरणा मानते हैं। वो रवि के लिए मेंटर और प्रेरणा दोनों का ही काम कर रहे हैं। पोकर की अपनी बिरादरी में, लगातार सफलता हासिल करने के साथ, रवि का लक्ष्य इस खेल को लेकर लोगों की सोच को बदलना है। साथ ही इस खेल से जुड़े कौशल पक्ष को सामने लेकर आना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *