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शोध का महत्वपूर्ण चरण है रिपोर्ट लेखन : प्रो. जोशी

पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर में श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की ओर से शिक्षकों के लिए शैक्षिक लेखन शिक्षा विकास कार्यक्रम आयोजित किया गया। 25 से 29 सितंबर तक आयोजित कार्यशाला का विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि रिपोर्ट लेखन शोध का सबसे महत्वपूर्ण चरण है। सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने कहा कि अकादमिक लेखन एक व्यवस्थित संक्षिप्त, स्पष्ट और ध्यान केंद्रित लेखन की शैली है। गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों के लिए अकादमिक लेखन में निपुणता लानी आवश्यक है। शोध का महत्वपूर्ण चरण रिपोर्ट लेखन होता है। इस आयोजन से प्रतिभागी लाभान्वित होने के साथ ही अपने शोध कार्यों में अभिनव प्रयोग कर सकेंगे।

फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की निदेशक प्रो. अनीता तोमर ने कहा कि कार्यक्रम में विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के 78 प्राध्यापक व शोधार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रो. तोमर ने कहा कि कार्यक्रम का मूल उद्देश्य प्रभावी शैक्षिक लेखन के मूल सिद्धांतों का ज्ञान प्रदान करना है। कार्यक्रम के पहले दिन तकनीकी सत्र में आईआईटी रुड़की के प्रो. रजत अग्रवाल ने ट्रेड्स इन स्कोलरिली पब्लिकेशंस पर व्याख्यान दिया।

द्वितीय तकनीकी सत्र में गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रो. अजय सेमल्टी ने एकेडेमिक राइटिंग विषय पर व्याख्यान दिया। इस मौके पर निदेशक प्रो. एमएस रावत, फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की निदेशक प्रो. अनीता तोमर, डॉ. गौरव वार्ष्णेय, डॉ. अटल बिहारी त्रिपाठी, प्रो. कंचनलता सिन्हा, प्रो. जीके ढींगरा, प्रो. डीसी गोस्वामी आदि मौजूद रहे।

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